देहरादून
Bird Flu: उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की पुष्टि, रेड अलर्ट जारी, पोल्ट्री फार्मों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक
देहरादून। देश के विभिन्न राज्यों के बाद बर्ड फ्लू ने अब उत्तराखंड में भी दस्तक दे दी है। मृत मिले कौओं के दो सैंपलों की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें एक सैंपल देहरादून और दूसरा नैनीताल के कोटाबाग का है। इस सबको देखते हुए वन महकमे ने राज्य में बर्ड फ्लू को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही जनसामान्य के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई है।
प्रदेश में परिंदों के मृत मिलने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को सौ से ऊपर पक्षी विभिन्न स्थानों पर मृत मिले। लोगों से अपील की गई है कि कहीं भी पक्षी मृत मिलने पर न तो उसे छुएं और न ही उसे दफन करने या जलाने की कोशिश करें, बल्कि वन विभाग को इसकी जानकारी दें। वन विभाग की टीम ही मृत पक्षी का सैंपल लेगी और उसे जगह से हटाएगी।
प्रमुख सचिव वन आनंद वर्द्धन ने प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले मिलने की पुष्टि की है। बताया कि पशु पालन विभाग इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी करेगा। वहीं प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि प्रदेश के स्तर पर अपर प्रमुख वन संरक्षक कपिल लाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। यह तय कर दिया गया है कि कुमाऊं और गढ़वाल मंडल वन संरक्षकों की ओर से हर दिन शाम छह बजे तक नोडल अधिकारी को जानकारी दी जाएगी।
प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पिछले कुछ दिनों से पक्षियों के मृत मिलने से यहां भी बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही थी। वन विभाग ने मृत मिले कौओं के सैंपल जांच के लिए भोपाल की फॉरेंसिक लैब भेजे थे। इनमें से दो की रिपोर्ट सोमवार शाम शासन को मिली। देहरादून और कोटाबाग के सैंपलों की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की बात सामने आई।
पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अभी तक जितने भी पक्षी मृत पाए गए, वे पालतू नहीं हैं। इन पक्षियों को नष्ट करने आदि में पशुपालन विभाग की ओर से वन विभाग को हरसंभव मदद मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्यभर में सभी पोल्ट्री फार्म सुरक्षित हैं और वहां मुर्गियों के मरने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
वनमंत्री हरक सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और शाम तक पूरे प्रदेश के सभी वन अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी करने को कहा। प्रमुख वन संरक्षक की ओर से देर शाम तक आदेश जारी कर दिए गए थे।
डॉ.हरक सिंह रावत के अनुसार इस कड़ी में सभी जिलों में एक-एक डीएफओ को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। वन मुख्यालय में अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक कपिल लाल को समन्वयक का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि मृत पक्षियों को कब्जे में लेने और नष्ट करने के मद्देनजर वनकर्मियों को पीपीई किट मुहैया कराए जा रहे हैं। पीपीई किट की मांग के प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी वन प्रभागों को दिए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्यभर में पक्षियों के मृत पाए जाने का क्रम भी जारी है। सोमवार को ढकरानी, छिद्दरवाला, देहरादून, ऋषिकेश, कालसी समेत विभिन्न स्थानों पर सौ से ऊपर पक्षी मृत मिले। इनमें सर्वाधिक 85 देहरादून के भंडारी बाग में पाए गए। सचिवालय में आयुष अनुभाग के पास भी एक कबूतर मृत मिला।
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