उत्तराखंड
गज़ब ‘271 मुर्दों’ को बांट दी ‘40 लाख’ पेंशन
UT-ऊधमसिंह नगर जिले में समाज कल्याण विभाग ने 271 ऐसे पेंशनरों को पेंशन बांट दी, जिनकी मौत हो चुकी है। शासन स्तर पर कराये गये सोशल ऑडिट सर्वे में इस अंधेरगर्दी का खुलासा हुआ। इसके बाद ऐसे 271 खातों से अब तक 40 लाख 21 हजार 754 रुपये वापस लिये जा चुके हैं।
मैंने कुछ समय पहले ही पद संभाला है। इसलिये पहले क्या हुआ, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मृत पेंशनरों के संबंध में सूचना ग्रामसभा या सहायक समाज कल्याण अधिकारियों के स्तर पर दी जाती है। पेंशनधारकों का सत्यापन किया जा रहा है। नवीन भारती,
जिला समाज कल्याण अधिकारी
ये तीन विभाग जिम्मेदार!
समाज कल्याण ने क्यों नहीं किया सत्यापन
जिले के सभी ब्लॉकों में पेंशनधारकों के सत्यापन का दायित्व सहायक समाज कल्याण अधिकारियों पर होता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार किसी पेंशन योजना में लाभार्थी के सत्यापन और मौत होने पर जानकारी देने का दायित्व इन्हीं पर था। अब अधिकारी कह रहे हैं कि सत्यापन के लिये राजस्व विभाग को पत्र लिखे गये थे। जब तक पेंशनर का मृत्यु प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया जा सकता, पेंशन नहीं रोकी जाती।
आय प्रमाणपत्र पर सवाल
सर्वे में कुछ पेंशन लाभार्थियों के खातों में 24 हजार से 50 हजार तक की रकम मिली है। यानी मौत के बाद भी रकम आती रही, लेकिन खातों से उनके परिजनों ने निकाली नहीं। सर्वे रिपोर्ट में सवाल उठाया गया है कि संबंधित को वास्तव में पेंशन की जरूरत थी भी या नहीं? संभव है कि गलत तरीके से पेंशन का लाभ लेने के लिये इन लोगों ने गलत आय प्रमाणपत्र बनवाये थे। प्रमाणपत्र राजस्व या संबंधित ग्रामसभा से जारी
होते हैं। ऐसे में गलत प्रमाणपत्र देने वाले भी जांच के दायरे में आ गए हैं।
बैंकों ने भी नहीं दी कोई जानकारी
वृद्धावस्था पेंशन बैंक खातों के सत्यापन को लेकर भी प्रशासन, समाज कल्याण और बैंक अफसरों के बीच बैठकें होती रहती हैं। सर्वे रिपोर्ट में साफ हुआ है कि जिले में कई पेंशनरों के खाते कई साल से संचालित नहीं हो रहे थे। इसके बावजूद बैंकों की ओर से ऐसी कोई जानकारी विभाग को क्यों नहीं दी गयी?
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