उत्तराखंड
रोजगार: मनरेगा में मिलेगा ज्यादा काम, कार्यदिवसों की अवधि 100 से बढाकर होंगी 150…
देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य रोजगार गारंटी परिषद् की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड आजीविका एप भी लॉच किया। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य में जल्द ही मनरेगा के कार्यदिवसों की अवधि 100 से बढाकर 150 कर दी जाएगी। जिसके लिए धनराशि की व्यवस्था राज्य फंड से की जाएगी। मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को अभी तक केंद्र सरकार द्वारा साल में 100 दिन का रोजगार अनिवार्य रूप से दिया जाता है और इसके लिए प्रति जॉब कार्ड धारक परिवार के हिसाब से राशि उपलब्ध करवाई जाती है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत कुछ जनपदों में अच्छा कार्य हुआ है। कार्य प्रकृति में सुधार के लिए सभी जिले एक-दूसरे से अपने अनुभवों को साझा करें। जिलाधिकारियों द्वारा मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की 15 दिनों में जिला स्तर पर समीक्षा की जाए। इस साल अभी तक 18 हजार परिवार 100 दिन का रोजगार पूरा कर चुके हैं और यदि इन्हें 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया जाता है तो कुल अतिरिक्त खर्च 18.09 करोड़ रुपये का वहन राज्य सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य किया जाए। जिन नदियों के पुनर्जनन के लिए कार्य किए जा रहे हैं, उनकी जीआइएस मैपिंग हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद में फिशरीज के क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है। इस क्षेत्र में लोगों को कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एवं कार्यप्रणाली की जानकारी के लिए भ्रमण कराया जाए।
जनपद पौड़ी में पौषण वाटिका के तहत अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अच्छी योजना बनाई गई है। इस तरह के प्रयोग अन्य जिलों में भी किए जाएं। मनरेगा के तहत जनपदों में रोजगार दिवसों के औसत को और अधिक बढ़ाया जाए। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन, कृषि विकास, पोषण अभियान, कलस्टर आधारित क्रियान्वयन रणनीति, सतत आजीविका संसाधन विकास एवं विपणन सुविधा विकास के क्षेत्र में मनरेगा के तहत विशेष प्रयास किए जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य योजना एवं जिला योजना में विभागों में मनरेगा के तहत आसानी से हो सकने वाले कार्यों को मनरेगा से कराने में प्राथमिकता दी जाए। जिससे राज्य एवं जिला योजना की धनराशि का किसी अन्य कार्य में सदुपयोग किया जा सके। राज्य में मनरेगा के तहत कुल 12.19 लाख जॉब कार्ड बने हैं जिसमें से 67.19 प्रतिशत सक्रिय जॉब कार्ड धारक है। जॉब कार्ड धारकों में 53.65 प्रतिशत महिलाएं है। राज्य में पिछले एक साल में 2.66 लाख जॉब कार्ड धारकों की संख्या बढ़ी है।
मनरेगा के तहत ससमय भुगतान एवं जॉब कार्ड सत्यापन में उत्तराखण्ड की राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंकिंग है। मनरेगा के तहत न्यूनतम अकुशल मजदूरी प्रतिदिन 201 रुपये है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अनुमोदित बजट में से 80 प्रतिशत धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। एनआरएलएम स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे नर्सरी कार्यों से 10.13 लाख रुपये की आय अर्जित की गई। इसके तहत 94 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं।
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