उत्तराखंड
यह है हाल-गुरु जी की उम्र 50 साल और नौकरी 55 साल की
UT-अनुसूया लाल की उम्र है 50 साल और उन्हें गढ़वाल मंडल के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ाते हुए 55 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। है न यह अविश्वसनीय। पर शिक्षा विभाग में आप ऐसा भी देख सकते हैं। शिक्षकों की सुगम और दुर्गम की सेवाओं का रिकार्ड बनाते वक्त कई बड़ी गलतियां भी सामने आई हैं। मंगलवार को शिक्षकों की सेवाओं का ब्योरा शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड हुआ तो यह खामियां सामने आई। कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिनकी नौकरी की अवधि को उनकी उम्र से ज्यादा दिखा दिया गया है। दूसरी तरफ, कुछ शिक्षकों का कहना है कि तबादला एक्ट लागू होने से पहले सुगम ओर दुर्गम ए से लेकर एफ श्रेणी में विभाजित था। दुर्गम की एक साल की सेवा को डेढ़ साल के रूप में गिना जाता था। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस फार्मूले से नौकरी की अवधि बढ़ सकती है। पर, तबादला एक्ट में सभी उपश्रेणियां समाप्त हो चुकी है। ऐसे में उपश्रेणियों के अंक भला कैसे जुड़ेंगे, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।
यह है हाल
केस 01: टिहरी जनपद में जीएचएसएस होल्टा के 50 वर्षीय शिक्षक दिनेश लाल को दुर्गम में सेवा करते हुए 55 साल आठ महीने और चार दिन हो गए हैं।
केस 02: बागेश्वर में जीआईसी नमिटी के सहायक अध्यापक दीवान सिंह की आयु 43 साल दर्ज है। जबकि उनकी दुर्गम की नौकरी को 40 साल चार महीने दर्ज किया गया है।
केस 03: पौड़ी के चोपड़ा जीआईसी के अनुसूया प्रसाद निर्मल की आयु 56 साल हो चुकी है और उनकी दुर्गम की सेवाएं 50 साल 11 महीने ओर 11 दिन दिखाई गई है।
केस 04: टिहरी के नागेश्वर सौड़ जीआईसी के शिक्षक शेखर सिंह नेगी की उम्र 57 साल है लेकिन उनकी दुर्गम की सेवा 50 साल सात महीने दिखाई गई है।
ऐसा होना तो नहीं चाहिए था। संभवत लिपिकीय या साफ्टवेयर की कोई त्रुटि हो गई है। दुर्गम की सेवाओं के लिए प्रतिवर्ष अतिरिक्त अंक भी दिए जाते हैं, उससे भी यह अंतर आ सकता है। मैं इस विषय को चेक कराता हूं। यदि कोई गलती होगी तो उसे दुरुस्त किया जाएगा।
वीएस रावत नोडल अधिकारी, तबादला, शिक्षा विभाग
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