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विराम: नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने के मामले मे अभी विराम…
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल में स्थित उत्तराखंड हाई कोर्ट को किसी अन्य जगह स्थानांतरित करने के लिए जनमत संग्रह कराने के हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिक रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय करोल की अवकाशकालीन पीठ ने हाई कोर्ट के 8 मई के आदेश पर रोक लगा दी। मामले में सुनवाई आठ जुलाई को होगी।
पीठ ने मामले में उत्तराखंड सरकार व अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर अपना अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव व अधिवक्ता सौरभ अधिकारी ने हाई कोर्ट के 8 मई के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बार एसोसिएशन की याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि हाईकोर्ट का आदेश एक तरह का जनमत संग्रह है।
दूसरी तरफ इस मामले में कैविएट दाखिल करने वाले सुप्रिया जुनेजा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने नैनीताल हाई कोर्ट से जुड़ी पृष्ठभूमि और इतिहास का हवाला देकर वादकारियों के साथ-साथ वकीलों के आलोक में अदालत द्वारा पारित प्रस्ताव का भी उल्लेख किया। लूथरा ने पीठ से कहा कि हाई कोर्ट द्वारा की जा रही कवायद पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीबी सुरेश ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सिर्फ संसद या केंद्र सरकार ही उच्च न्यायालय के प्रधानपीठ की स्थापना पर निर्णय ले सकती है,न कि उच्च न्यायालय।
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