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PM Ujjwala Scheme 2.0: पीएम मोदी ने फिर शुरू की उज्जवला गैस योजना, जाने इस बार क्या बदलाव किए…
केंद्र सरकार ने एक बार फिर से देश में उज्जवला गैस योजना की शुरुआत की। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के दूसरे चरण की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को अब बिना एड्रेस प्रूफ के भी गैस कनेक्शन मिलेगा। योजना की शुरुआत महोबा जिले में 1 हजार महिलाओं को नए एलपीजी कनेक्शन देकर की गई। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य व दिनेश शर्मा भी उपस्थित थे। इस बार इस योजना में सरकार फ्री एलपीजी कनेक्शन के साथ-साथ भरा हुआ सिलेंडर भी फ्री में देगी। 2021-22 वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 1 करोड़ गैस कनेक्शन बांटने के लिए अलग से फंड जारी किया गया है। यह कनेक्शन कम आय वाले उन परिवारों को दिए जाएंगे, जो उज्ज्वला योजना के पहले चरण में शामिल नहीं हो सके थे। यहां हम आपको बता दें कि साल 2016 में उत्तर प्रदेश से ही योजना के पहले चरण की शुरुआत हुई थी।
इसी साल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन के लिए भी फंड जारी किया था। ये अतिरिक्त कनेक्शन उन गरीब परिवारों को दिए जाएंगे, जो उज्ज्वला योजना के पहले चरण में शामिल नहीं हो सके थे। उज्ज्वला के पहले चरण में सरकार कनेक्शन के लिए 1600 रुपए (डिपॉजिट मनी) की आर्थिक सहायता देती थी। इस योजना के तहत गैस कनेक्शन पाने वाले परिवार स्टोव और सिलेंडर के लिए बिना ब्याज के लोन भी ले सकते थे। दूसरे चरण में कनेक्शन के अलावा पहले सिलेंडर की रीफिलिंग भी फ्री होगी। इसके अलावा गैस चूल्हा भी मुफ्त में दिया जाएगा।
एससी, एसटी, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी), अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई), चाय और पूर्व-चाय बागान जनजाति, वन निवासी, 14-सूत्रीय घोषणा के अनुसार SECC परिवारों या आइलैंड और रिवर आइलैंड में रहने वाले लोग। घर में किसी भी कंपनी का कोई दूसरा गैस कनेक्शन नहीं होना चाहिए। उज्ज्वला योजना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अगस्त को एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा, इस स्कीम के पहले चरण को मई 2016 में लॉन्च किया गया था। अगस्त 2019 में हमने लक्षित समय से सात महीने पहले 8 करोड़ गैस कनेक्शन बांटने का काम पूरा किया। मई 2016 में जब इस स्कीम को लॉन्च किया गया था तब इसे 5 करोड़ बीपीएल कैटिगरी के परिवारों के बीच बांटने का फैसला किया गया था।
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