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President of India Draupadi Murmu: भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू..! पढें जीवनी…
President of India Draupadi Murmu: भारत को अपना 15वां राष्ट्रपति मिल गया है। Draupadi Murmu द्रौपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति होंगी। आज सुबह शुरू हुई मतगणना के नतीजे आ गए हैं। जिसमें उन्हें बड़ी जीत हासिल हुई है। हालांकि अभी औपचारिक ऐलान बाकी है। विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के मुकाबले उन्हें दो तिहाई के करीब वोट मिले हैं। द्रौपदी मुर्मू भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी है। द्रौपदी मुर्मू केवल दूसरी महिला राष्ट्रपति ही नहीं, बल्कि देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति भी बन गई है।
सीएम धामी सहित बधाई देने वालों का लगा तांता
द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति President of India बनने के साथ ही उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है। द्रौपदी मुर्मू की जीत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें बधाई दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने द्रौपदी मुर्मू की जीत को देश के आदिवासी समाज की बड़ी उप्लब्धि करार दिया है। सीएम धामी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले समाज से आती हैं। उनके राष्ट्रपति बनने से एक बड़े वर्ग में लोकतंत्र और संविधान के प्रति आस्था और मजबूत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रपति चुनाव में अंतिम छोर पर खड़े हुए व्यक्ति आगे लाने का काम किया है।
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय
बता दें कि ओडिशा की आदिवासी महिला नेता और झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू Draupadi Murmu Lifestyle का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा में मयूरभंज जिले के एक आदिवासी परिवार में हुआ था। मुर्मू के पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था। वह गांव के मुखिया हुआ करते थे। उन्होंने गृह जनपद से शिक्षा प्राप्त करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में बतौर शिक्षिका अपने करियर की शुरुआत की। परिवार में पति और बेटों को खोया।
एक एक कर छोड़ गए परिवार के चार सदस्य
राजनीति में प्रवेश के बाद पार्षद, विधायक और राज्य सरकार में मंत्री बनी। झारखंड की गवर्नर बनने का मौका मिला। द्रौपदी मुर्मू के जीवन में एक दौर ऐसा आया जब उनके परिवार के चार सदस्य एक एक कर उन्हें छोड़कर दुनिया से दूर हो गए। उनके तीन बच्चों और पति की मौत से वह पूरी तरह टूट गईं। रिपोर्ट के मुताबिक, द्रौपदी मुर्मू के बड़े बेटे का निधन रहस्यमयी तरीके से हुआ था।
6 महीने तक रही डिप्रेशन में
बेटे के निधन के बाद मुर्मू लगभग 6 महीने तक डिप्रेशन में रहीं। लेकिन उन्होंने खुद को इस अवसाद से बाहर निकाला। तीन साल बाद छोटे बेटे की भी मौत हो गई। उसके लगभग एक साल बाद पति भी दुनिया से अलविदा कह गए। सबसे छोटी बेटी का निधन महज तीन साल की उम्र में ही हो गया था। डिप्रेशन से निकलने के लिए वह ध्यान लगाने लगीं।
घर को स्कूल में बदला
मुर्मू का अपना घर है, जहां वह पति से विवाह के बाद रहती थीं। हालांकि बच्चों और पति की मौत के बाद मुर्मू ने अपने घर को स्कूल में बदल दिया। इस कमरे में बड़े बेटे का निधन हुआ था, उसे छात्रों का आवास बना दिया गया। हर साल बच्चों और पति की बरसी पर मुर्मू स्कूल में जरूर आती हैं और छात्रों से मुलाकात करती हैं।
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