पंजाब
पंजाब में चन्नी को सीएम बना कांग्रेस ने भाजपा और बसपा का बढ़ाया ‘मिशन 22 का सिरदर्द’….
पंजाब में कई महीनों से कैप्टन अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू के बीच उठा सियासी तूफान कांग्रेस हाईकमान ने बहुत हद तक फिलहाल शांत कर दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों ने पंजाब में दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना कर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ‘तगड़ा सियासी दांव’ भी चला है। बात को आगे बढ़ाने पहले बता दें कि पंजाब की सियासत में दलितों की भूमिका सरकार बनाने में निर्णायक रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए चन्नी को पंजाब का सीएम बनाकर कांग्रेस ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। दरअसल पंजाब में 32 फीसदी दलित वोट हैं। वहीं यूपी में 21 फीसदी दलित वोट पर भी कांग्रेस ने दांव चला है। बता दें कि छह महीने में दोनों राज्यों में एक साथ विधानसभा चुनाव होने हैं। सोमवार दोपहर चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली । चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं। उनके अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी ने भी शपथ ली जो राज्य के उप मुख्यमंत्री होंगे। ‘राज्य की कमान संभालने के बाद चन्नी ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, हरीश रावत, नवजोत सिंह सिद्धू और पूरी कांग्रेस ने एक गरीब को सीएम बनाया है। एक वक्त मेरे सिर पर छत नहीं थी और आज मुझे पंजाब की सेवा का मौका मिला है। बिजनस करने वाले मुझसे दूर रहे और जो पंजाब की बेहतरी चाहते हैं, वे मेरे साथ रहें। मैं पंजाब के रिक्शा चलाने वालों और आम लोगों का नुमाइंदा हूं’। बता दें कि चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के ‘चमकौर साहिब’ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इस क्षेत्र से साल 2007 में वह पहली बार निर्दलीय विधायक बने । उसके बाद साल 2012 और 17 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने। चन्नी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ समय बाद ही कांग्रेस, बसपा भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच ‘दलित सियासत’ पर सियासी संग्राम शुरू हो गया। बात शुरू करते हैं पहले उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती से।
चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने पर भाजपा और बसपा ने कांग्रेस का चुनावी हथकंडा बताया–
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को दलित प्रेम के दिखावे वाला कांग्रेस का चुनावी हथकंडा बताया और चुनौती दी कि यदि पार्टी का दलित प्रेम झूठा नहीं है तो स्पष्ट करे कि विधानसभा का अगला चुनाव वह उन्हीं के नेतृत्व में लड़ेगी। भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि कांग्रेस एक तरफ दलित को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ढिंढोरा पीट रही है, तो दूसरी तरफ उसके ही नेता कह रहे हैं कि विधानसभा का अगला चुनाव पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि ये कांग्रेस ने ‘नाइट वॉचमैन’ उतारा है। दलित वोट को लुभाकर वोट लेने के लिए चार महीने का मुख्यमंत्री बनाया है। दूसरी ओर चन्नी के शपथ ग्रहण के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने इसे कांग्रेस की चुनावी चाल करार देने में देर नहीं लगाई। माया ने कहा कि ‘ये लगता है कि ये केवल इनका चुनावी हथकंडा है इसके सिवाय कुछ नहीं है। मीडिया रिपोर्ट से मुझे पता चला है कि पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव इनके नेतृत्व में नहीं बल्कि गैर दलित के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। कांग्रेस पार्टी का अभी दलितों पर पूरा भरोसा नहीं बना है। चन्नी को थोड़े वक्त के लिए कांग्रेस ने सीएम बनाया है। दलित समुदाय कांग्रेस और बीजेपी के बहकावे में नहीं आएगा। समाज के लोगों को अपने पैर पर खड़ा करने की बजाए अपने स्वार्थ की खातिर कांग्रेस ने यह कदम उठाया है’।
कांग्रेस ने भाजपा-बसपा, अकाली दल पर किया पलटवार—
कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि पंजाब में एक गरीब और दलित के बेटे चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से भारतीय जनता पार्टी के ‘पेट में दर्द’ हो रहा है, जिस वजह से वह उन्हें अपमानित करने की साजिश कर रही है। ‘पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती पर भी उनके एक बयान को लेकर पलटवार किया और उन्हें चुनौती दी कि वह पंजाब में शिरोमणि अकाली दल एवं बीएसपी के गठबंधन की ओर से किसी दलित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें’। सुरजेवाला ने कहा कि ‘हम मायावती का सम्मान करते हैं, वो हमारी बुजुर्ग हैं । कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा है कि अकाली, बसपा, भाजपा और आम आदमी पार्टी बेशर्मी से चन्नी की उम्मीदवारी पर हमला कर रहे हैं। मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने कभी किसी दलित को बीजेपी का सीएम बनाया है? दूसरी ओर चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके पुराने विवाद भी सामने आने लगे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ लगाए गए मी टू (MeToo) आरोपों पर इस्तीफा मांगा है। चरणजीत सिंह चन्नी का विवादों से पुराना नाता रहा है। आयोग की रेखा शर्मा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री महिला सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की कि वो चन्नी को पंजाब के चीफ मिनिस्टर पद से हटाएं। गौरतलब है कि साल 2018 में चन्नी पर एक महिला आईएएस अधिकारी को आपत्तिजनक मैसेज भेजने का आरोप लगा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चन्नी को माफी मांगने को कहा था, उसके बाद मामला जरूर कुछ शांत हुआ ।
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