देश
हरफनमौला और प्रतिभा के धनी किशोर दा के गाए गाने हर पीढ़ी की जुबां पर गूंजे…
आते-जाते खूबसूरत आवारा सड़कों पे, मेरे सपनों की रानी कब आएगी, तुम आ गए हो नूर आ गया है, गुम है किसी के प्यार में, तेरे बिना भी क्या जीना, ओ साथी रे, मंजिलें अपनी जगह हैं रास्ते अपनी जगह, जब कदम ही साथ न दे तो मुसाफिर क्या करें, जिंदगी का सफर है यह कैसा सफर कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं, आने वाला पल जाने वाला है, हो सके तो इस पल में जिंदगी बिता दो, जो पल जाने वाला है, ये शाम मस्तानी मदहोश किए जाए। ऐसे न जाने कितने सुपरहिट गीत है, अगर लिखा जाए तो कम पड़ जाएंगे। आप भी फिल्मों के इन मशहूर गानों को जरूर गुनगुनाते आ रहे होंगे । अब आप समझ ही गए होंगे। हां सही सोच रहे हैं आज बॉलीवुड के महान गायक किशोर कुमार का जन्मदिन है। किशोर दा का नाम आते ही उनके गाए गीत जुबां पर आ ही जाते हैं। अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना के लिए किशोर कुमार की आवाज ने दोनों सुपर स्टारों को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। इनके अलावा किशोर ने कई दिग्गज फिल्म अभिनेताओं को अपनी आवाज से संवारा। किशोर दा को आने वाली पीढ़ी का सिंगर कहा जाता था । किशोर के गाने हर पीढ़ी को खूब भाते हैं, उनके गानों को लोगों के बीच काफी पसंद किया जाता है। वह केवल एक बेहरीन अभिनेता ही नहीं बल्कि संगीतकार, लेखक और निर्माता भी थे, लेकिन उनको गायक के तौर पर ज्यादा याद किया जाता है। जबकि उन्होंने गायकी का कहीं से प्रशिक्षण नहीं लिया था। इसके बावजूद उन्होंने गायन क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए। सभी सिंगर किशोर दा का बहुत आदर सम्मान से नाम लेते हैं। उनके गानों के प्रशंसक देश के कोने-कोने में मिल जाएंगे। यही नहीं दुनिया के तमाम देशों में भी किशोर दा की आवाज के लाखों लोग दीवाने हैं। बॉलीवुड में करीब तीन दशक तक उनके गायकी का एकछत्र राज रहा। निर्माता और निर्देशकों की किशोर दा से गाने गंवाने के लिए उनके घरों पर लाइन लगी रहती थी। कई सिंगर उनकी आवाज की कॉपी भी करते हैं। आइए जानते हैं किशोर के फिल्मी सफर और निजी जिंदगी के बारे में ।
4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में किशोर कुमार का जन्म हुआ था—
किशोर का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम कुंजीलाल था जो एक जाने-माने वकील थे। किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार गांगुली था।उन्हें उनके स्क्रीन के नाम किशोर कुमार से ही पहचान मिली। वे अपनी निजी जिंदगी में बहुत ही मस्तमौला किस्म के इंसान थे और साथ ही अभिन्न प्रतिभा के धनी थे। किशोर दा ने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों में एक्टर के रूप में की थी। किशोर कुमार ने अपने एक्टिंग की शुरुआत साल 1946 में फिल्म ‘शिकारी’ से की थी जबकि उनके सिंगिंग करियर की शुरुआत साल 1948 में फिल्म ‘जिद्दी’ से हुई। उन्हें हिन्दी सिनेमा में तमाम तरह के किरदारों को बखूबी निभाने के लिए जाना जाता है, लेकिन उनके गायन की शैली और कॉमेडी को लोग आज भी याद करते हैं। देश की पहली कॉमेडी फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ में किशोर कुमार ने अपने दोनों भाइयों अशोक कुमार और अनूप कुमार के साथ हास्य अभिनय के ऐसे आयाम स्थापित किए, जो आज भी मील का एक पत्थर हैं। हास्य फिल्मों की बात हो तो इस फिल्म को बेहतरीन फिल्मों में शुमार किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने पड़ोसन, दूर गगन की छांव आदि फिल्मों में अभिनय किया। किशोर कुमार ने अपने करियर में सभी भाषाओं को मिलाकर 1500 से ज्यादा गाने गाए। वह अपने दौर के सबसे महंगी फीस लेने वाले सिंगर थे। किशोर कुमार को सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए आठ फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले जिसके साथ ही उन्होंने सबसे ज्यादा फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड बना लिया। इसके साथ मध्यप्रदेश सरकार ने उनके नाम से ‘किशोर कुमार पुरस्कार’ नाम के नए पुरस्कार की शुरुआत की थी। यहां हम आपको बता दें कि किशोर कुमार ने चार शादियां की थीं। उनकी चौथी शादी फिल्म अभिनेत्री लीला चंद्रावरकर से हुई थी। बता दें कि किशोर कुमार अपनी चौथी पत्नी लीला चंद्रावरकर से लगभग 20 साल बड़े थे। चौथी शादी के वक्त उनकी उम्र 51 वर्ष थी। दोनों की मुलाकात ‘प्यार अजनबी है’ के सेट पर हुई थी। उनकी पहली शादी रुमा घोष दूसरी शादी मधुबाला, तीसरी शादी योगिता बाली और चौथी शादी लीला चंद्रावरकर से हुई थी। किशोर कुमार से अलग होने के बाद योगिता बाली ने मिथुन चक्रवर्ती से शादी की। उनकी पहली पत्नी का रुमा घोष साल 2019 में निधन हो गया। किशोर के बेटे अमित कुमार भी गायन क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। लेकिन वह अपने पिता की तरह प्रसिद्धि नहीं पा सके। आखिरकार 13 अक्टूबर 1987 को महान गायक किशोर कुमार 57 साल की आयु में दिल का दौरा पड़ने से दुनिया को अलविदा कह गए। लेकिन आज भी महफिलों, शादी समारोह आदि स्थानों पर उनके गाए तराने गूंजते हैं।
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