उत्तराखंड
राजनीतिः उत्तराखंड में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस में डर का माहौल, कई विधायक BJP के संपर्क में ..!
देहरादून: उत्तराखंड में सीएम धामी भले ही मुख्यमंत्री बन चुके है, लेकिन खटीमा से सीट हारने के कारण उनके लिए उपचुनाव जरूरी हो गया है। जहां सीएम पुष्कर सिंह धामी के आगे सबसे बड़ी चुनौती विधायक बनने की है। तो वहीं इस उपचुनाव से कांग्रेस में डर का माहौल है। कई विधायक बीजेपी के संपर्क में होने की खबरें आ रही है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान में बैचेनी बढ़ गई है। कांग्रेस को डर सता रहा है कि कहीं साल 2007 की तरह सीएम के लिए कांग्रेस का कोई विधायक सीट खाली ना कर दे। लिहाजा कांग्रेस घबराई हुई है और अपने अपने विधायकों को एकजुट करने की कोशिश में लगी हुई है। बताया जा रहा है कि सीएम धामी भी कांग्रेस में सेंधमारी कर राज्य में अपनी ताकत दिखाना चाहते है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भाजपा के ही कई सारे विधायक सीएम धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं। लेकिन फिर भी पार्टी का एक धड़ा कांग्रेस के विधायक से सीट खाली कराकर राजनीतिक और मानसिक रूप से जीत हासिल करने की चर्चा कर रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को खासी चर्चा हुई। इस दौरान कुछ कांग्रेस नेताओं ने निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के सामने अपनी इस चिंता को जाहिर किया है। कांग्रेसियों का कहना है कि यदि ऐसा हुआ तो यह काफी दुखद होगा। हालांकि प्रीतम सिंह की मानें तो अब भाजपा की कोई साजिश कामयाब नहीं होने वाली है।
गौरतलब है कि पहले भी दो बार उत्तराखंड में ऐसा हो चुका है जब गैर विधायक सीएम के लिए विपक्षी दल में सेंध लगाकर ही विधानसभा जाने का रास्ता बनाया गया है। साल 2007 में भाजपा सरकार के सीएम खंडूड़ी के लिए कांग्रेस विधायक लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत (रि) ने सीट छोड़ी थी। जबकि वर्ष 2012 में आई कांग्रेस सरकार ने तत्कालीन सांसद विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया था। मुख्यमंत्री बने विजय बहुगुणा के लिए सितारगंज से भाजपा विधायक किरन मंडल ने विधानसभा सीट खाली की थी। हालांकि सीएम धामी के पास अभी छः माह का समय है। बीजेपी की नजर फिलहाल उन कांग्रेस के विधायकों पर है जो आलाकमान और राज्य नेतृत्व से नाराज हैं।
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