उत्तराखंड
केदारनाथ उप निर्वाचन में बीजेपी की जीत, आशा नौटियाल तीसरी बार बनी विधायक…
केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने जीत दर्ज कर ली है। भाजपा की आशा नौटियाल को 23814, कांग्रेस के मनोज रावत को 18192, उक्रांद के आशुतोष भंडारी को 1314, पीपीआई (डी) के प्रदीप रोशन को 483, निर्दलीय त्रिभुवन सिंह चौहान को 9311 और आरपी सिंह को 493 वोट मिले हैं।
आशा नौटियाल ने अपने नजदीकी प्रतिध्वंदी मनोज रावत को 5622 वोटों से हराया। इस तरह आशा नौटियाल लम्बे अरसे के बाद एक बार फिर केदारनाथ की विधायक बन गई हैं। इससे पहले वे 2002 और 2007 में केदारनाथ की विधायक रह चुकी हैं।
उनके पति रमेश नौटियाल पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। वह वर्ष 1996 में पहली बार ऊखीमठ वार्ड से निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं। इसके बाद वर्ष 1997-98 में उन्हें भाजपा ने जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी और वर्ष 1999 में उन्हें महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष चुना गया। सौम्य व्यवहार और निरंतर जनसंपर्क की वजह से वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में आशा नौटियाल को भाजपा ने केदारनाथ विस से प्रत्याशी बनाया और वह विजयी हुईं।
उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दिवंगत विधायक शैलारानी रावत को पराजित किया था। वर्ष 2007 में भी भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर सिंह नेगी को पराजित कर विजयश्री हासिल की। वर्ष 2012 में लगातार तीसरी बार वह भाजपा की प्रत्याशी घोषित हुईं, पर इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी शैलारानी रावत से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2016 में शैलारानी रावत भाजपा में शामिल हो गईं और वर्ष 2017 में भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया, जिस पर आशा नौटियाल ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। तब, कांग्रेस से मनोज रावत विधायक चुने गए और निर्दलीय कुलदीप रावत दूसरे स्थान पर रहे।
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