उत्तराखंड
भगवान श्री मदमहेश्वर की चलविग्रह डोली पहुंची ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ…
उखीमठ/रूद्रप्रयाग: प्रसिद्ध द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी की चल विग्रह डोली सेना के बैंड के साथ समारोहपूर्वक आज अपराह्न सवा दो बजे को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंची। इस अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया।वहीं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति तथा श्रद्धालुओं ने श्री मदमहेश्वर डोली का फूल बरसाकर स्वागत किया।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को श्री मदमहेश्वर जी की डोली के श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने पर आयोजित मदमहेश्वर मेले की शुभकामनाएं दी है।
मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष श्री मदमहेश्वर पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है 12777तीर्थयात्री श्री मदमहेश्वर धाम पहुंचे हैं। उल्लेखनीय है कि विगत 24 नवंबर शुक्रवार को केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग ने तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले का शुभारंभ किया आज मेले के दूसरे दिन श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार तथा मंदिर समिति सदस्य वरिष्ठ तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती मदमहेश्वर मेले के विशिष्ट अतिथि रहे। इस अवसर पर मंदिर समिति उपाध्यक्ष एवं सदस्यगण को मेला समिति ने अंग वस्त्र स्मृति चिह्न से सम्मानित किया उसके बाद मंदिर समिति पदाधिकारियों ने श्री मदमहेश्वर जी की डोली के दर्शन किये।
आज शनिवार अपराह्न को श्री मदमहेश्वर जी की डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने से पहले रावल भीमांशंकर सहित कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने मंगलचौंरी ब्राह्मणखोली पहुंचकर भगवान मदमहेश्वर जी की चल विग्रह डोली का स्वागत किया। श्री ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने से पहले रास्ते भर में हजारों श्रद्धालुओं ने देवडोली के दर्शन किये साथ ही श्री मदमहेश्वर जी की पूजा- अर्चना भी संपन्न की गयी।
इसके बाद श्रद्धालुओं को दर्शन देते हुए भगवान मदमहेश्वर जी की चल विग्रह डोली सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंची जहां हजारों लोग डोली के स्वागत हेतु उमड़े।
देवडोली को श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर मंडप में दर्शन हेतु रखा गया इसके बाद डोली को मंदिर में विराजमान करने के बाद श्रद्धालुओं ने श्री मदमहेश्वर भगवान की चल विग्रह डोली तथा भगवान वृद्ध मदहेश्श्वर जी के भी दर्शन किये।
इस अवसर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, रणजीत सिंह राणा, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार,नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, शिवसिंह रावत,देवानंद गैरोला, पुजारी बागेश लिंग, शिवशंकर लिंग, वेपाठी विश्वमोहन जमलोकी, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी डोली प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी, कुलदीप धर्म्वाण, विदेश शैव ,ललित त्रिवेदी सहित मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी तथा हक -हकूकधारी गांवों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली के पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने के बाद श्री ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान श्री केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो चुकी हैं।
द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर बुद्धवार को बंद हुए थे गौंडार, रांसी गिरिया पड़ावों के बाद आज 25 नवंबर को श्री मदमहेश्वर जी की चलविग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंच गयी। और शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान मदमहेश्वर जी की शीतकालीन पूजाएं शुरु हो गयी। इसी तरह तृतीय केदार तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में आयोजित हो रही है।
जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह बदरी मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें शुरू हो गयी हैं साथ ही मंदिर समिति के वर्षभर खुले रहनेवाले मंदिरों में यथावत पूजा-अर्चना चल रही है।
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