चमोली
चमोली: आपदा के बाद रैंणी में वैली ब्रिज पर शुरू हुई वाहनों की आवाजाही, 13 गांवों से संपर्क जुड़ा…
गोपेश्वर: चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के तपोवन-रैंणी आपदा के मलारी हाईवे पर क्षतिग्रस्त रैणी पुल के विकल्प के तौर पर बीआरओ ने शुक्रवार को विधिवत संचालन शुरु कर दिया है। यहां बीआरओ के चीफ इंजीनियर एएस राठौरा और अधिकारियों ने वाहनों की आवाजाही करवाकर पुल का शुभारंभ किया। पुल का संचालन शुरु होने से अब नीति घाटी के 13 गांवों की आवाजाही सुचारु हो गई है। बता दें कि सात फरवरी को ऋषिगंगा नदी में आई जल प्रलय के दौरान रैंणी में जोशीमठ-मलारी हाईवे पर बना मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे यहां नीति घाटी के 13 गांवों का सड़क सम्पर्क बाकी दुनियां से टूट गया था। जिसके बाद यहां बीआरओ की ओर से यहां 25 दिनों में वैली ब्रिज बनाकर तैयार कर दिया है। बीआरओ की ओर से यहां दौ सौ फीट स्पान के पुल का निर्माण किया गया है। पुल के दोनों को स्थिर भूमि की अनउपलब्धता के चलते पुल का निर्माण तीन मंजिला फेब्रिकेशन वर्क के साथ किया गया है। पुल का निर्माण रिकार्ड वक्त में पूर्ण किया गया है। मलबा हटाने के बाद आठ दिनों में पुल को जोड़ने का कार्य पूरा किया गया है। पुल से वाहनों की आवाजाही सुचारु कर दी गई है। अब जल्द ही यहां स्थाई पुल निर्माण कार्य भी शुरु किया जाएगा। आपको बता दें कि बीआरओ ने मलारी हाईवे पर रैणी में देश का सबसे लंबा वैली ब्रिज स्थापित किया है। बैली ब्रिज की अधिकतम लंबाई 190 फीट तक ही होती है, लेकिन मलारी हाईवे पर भू-कटाव से स्पॉन अधिक दूरी पर होने के कारण 200 फीट लंबा बनाया गया है।

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