चंपावत
राजनीति: निर्मला के नामांकन में नहीं पहुंचे दिग्गज, क्या रहा कारण, पढिये..
देहरादून: चंपावत उपचुनाव में जीत का दावा कर रही कांग्रेस के दो महारथी पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व नेता प्रतिपक्ष व विधायक प्रीतम सिंह पार्टी प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के नामांकन में नहीं पहुंच पाए। उनकी गैरमौजूदगी को लेकर सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है और इसे पार्टी की अंदरूनी गुटबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस बीच भाजपा ने दोनों दिग्गजों की गैरमौजूदगी पर चुटकी ली है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस को हालात का पूर्वानुमान हो गया है और एक बार फिर उसकी कलई खुल चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सभी वरिष्ठ नेताओं से पार्टी प्रत्याशी के नामांकन में पहुंचने की अपील की थी। उनके अनुरोध पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत कई वरिष्ठ नेता, विधायक व पूर्व विधायक नामांकन में शामिल हुए। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व नेता प्रतिपक्ष व विधायक प्रीतम सिंह चंपावत नहीं गए।
प्रीतम बुधवार को देहरादून में थे और शाम को उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात भी की। दोनों दिग्गज नेताओं के चंपावत न जाने पर सियासी हलकों में खूब चर्चाएं रहीं। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि हरीश रावत उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में शामिल होने गए हैं। वह 20 मई के बाद पार्टी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में जाएंगे।
क्या कहती है भाजपा-
इस बीच भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी नामांकन में भी दिखी और वरिष्ठ नेता हरीश रावत तथा प्रीतम सिंह ने इस दौरान दूरी बनाए रखी। पार्टी के बड़े नेता बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महज आरोप प्रत्यारोप से काम चला रही है और धरातल से कोसों दूर है। पार्टी मे भगदड़ की स्थिति है। उसके नेता या कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में जा रहे हैं या कोप भवन मे चले गए हैं। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐतिहासिक जीत की और बढ़ रहे हैं। चंपावत की जनता में अपार उत्साह है और वह महज एक विधायक नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री को वोट करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को चंपावत उप चुनाव में अपनी हालत का पूर्वानुमान है और वह फजीहत को लेकर अब बहाने तलाश रही है। कांग्रेस गुटबाजी से भी ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।
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