उत्तराखंड
Good News: सीएम धामी का बड़ा फैसला, राज्य में इन्हें मिलेगा फ्री इलाज, बस करना होगा ये काम…
देहरादूनः सीएम धामी के सत्ता में दोबारा आने के बाद से ही वह फुल एक्शन में नजर आ रहे है। पहले की गई चुनावी घोषणाओं को पूरा करने की कवायद तेज है तो वहीं अब धामी सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को मुफ्त सरकारी इलाज देने का फैसला लेते हुए आदेश जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार राज्य के सभी राजकीय अस्पतालों-औषधालयों, इनसे संबद्ध अस्पतालों और सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब राज्य आंदोलनकारियों का इलाज निशुल्क होगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इलाज के लिए आने वाले राज्य आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से जारी पहचान पत्र साथ लाना होगा। उन्हें जांच समेत अस्पताल में मिलने वाली सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सरकार की ओर से 8 अप्रैल को जारी आदेश एसटीएच में लागू कर दिया गया है। सचिव चिकित्सा डॉ. पंकज कुमार पांडेय की ओर से इस बाबत आदेश जारी कर दिए है। आदेश सभी संबंधित अधिकारियों और राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को भेज दिए गए हैं। हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में यह आदेश लागू कर दिया गया है।
गौरतलब है कि राज्य में दो तरह के आंदोलनकारी हैं। राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए एवं घायल आंदोलनकारियों की संख्या 344 है। इन्हें सरकार 6 हजार रुपये पेंशन देती है। वहीं ऐसे आंदोलनकारी जो जेल नहीं गए लेकिन, आंदोलन से जुड़े रहे उनकी संख्या करीब 6821 है। इन्हें 4500 रुपये पेंशन मिलती है। अब इन्हें सरकारी इलाज की मुफ्त सुविधा मिल सकेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेज से जुड़े हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलने पर राज्य आंदोलनकारियों ने खुशी जताई है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में बैठक ली
26 किमी रिस्पना – बिंदाल एलिवेटेड रोड के लिए केंद्र से अनुरोध- सीएम धामी
जिलाधिकारी ने ली नगर निकायों की समीक्षा बैठक, विकास कार्यों में तेज़ी लाने के दिए निर्देश
चम्पावत: बाराकोट ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाओं का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के बीच परिसम्पति मामलों की समीक्षा की
