उत्तराखंड
खुशी: कोरोना को मात देने वाला ही बनेगा कोरोना पॉजिटव का जीवनदाता, जानिए कैसे
देहरादून। जी हां सही पढ़ा आपने कोरोना की जंग जीतने वाला ही कोरोना संक्रमित को जीवनदान देगा। इसके लिए एम्स ऋषिकेश में कॉनवेल्सेंट प्लाज्मा की शुरुआत कर दी गई है ।
उत्तराखंड राज्य में यह थेरेपी पहली बार शुरू हुई इस थेरेपी से कोविड 19 को पराजित कर चुके मरीज अन्य कोविड संक्रमितों की जीवन रक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
पिछले माह 27 जुलाई, 29 जुलाई व इसी माह 1 अगस्त को तीन कोविड -19 संक्रमण से ठीक हुए मरीजों (कॉनवेल्सेंट रक्तदाताओं) से तीन यूनिट कॉनवेल्सेंट प्लाज्मा एकत्रित किया गया था। ।इन प्लाज्मा यूनिट्स का आगे भी कोविड -19 बीमारी से ग्रसित रोगियों में आधान किया जाएगा।
एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक इस बीमारी के उपचार में कॉनवेल्सेंट प्लाज्मा थेरेपी बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।
इसके अनुक्रम में आईसीएमआर द्वारा निर्धारित गाइडलाइन्स का पालन करते हुए देश- विदेश में यह थेरेपी प्रारम्भ हो चुकी है। कॉनवेल्सेंट प्लाज्मा उन रक्तदाताओं से एकत्रित किया जाता है, जो कि कोविड19 संक्रमण से ठीक हो चुके हों और जिनमें उपचार के बाद भविष्य में वायरस की उपस्थिति नगण्य हो।
यह केवल विशिष्ट रूप से उन स्वस्थ हो चुके लोगों से एकत्रित किया जाता है, जो रक्तदान के लिए योग्य हों। जानकारों की मानें तो ऐसे लोग वायरस के खिलाफ प्रतिरोधी होते हैं तथा इनमें वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज होती है।
एक मरीज से किया गया यह एकत्रीकरण दो मरीजों को लाभ दे सकता है। एम्स ऋषिकेश इसके लिए प्रक्रिया विधिवत आरंभ कर दी गई है।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि जब कोई व्यक्ति किसी भी सूक्ष्म जीव से संक्रमित हो जाता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसके खिलाफ लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करने का काम करती है।
यह एंटीबॉडीज बीमारी से उबरने की दिशा में अपनी संख्याओं में वृद्धि करती हैं और वांछनीय स्तरों तक वायरस के गायब होने तक अपनी संख्या में सतत वृद्धि जारी रखती हैं। पहले से संक्रमित होकर स्वस्थ हुए व्यक्ति में निर्मित एंटीबॉडी, एक रोगी में सक्रिय वायरस को बेअसर कर देगा, साथ ही उसकी रिकवरी में तेजी लाने में मदद करेगा।
डा. प्रसन्न कुमार पांडा ने बताया कि एक कोविड -19 से ग्रसित मरीज को दिए जा रहे अन्य तरह के उपचार से लाभ प्राप्त नहीं हो रहा था। लिहाजा ऐसे मरीज में कॉनवेल्सेंट प्लाज्मा थेरेपी प्रारंभ की गई
इस अवसर पर ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष डा. गीता नेगी ने कहा कि कोई भी कोरोना व्यक्ति जो नेगेटिव आ चुका हो, वह नेगेटिव आने के 28 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकता है साथ ही एम्स ऋषिकेश के ब्लड बैंक में किसी भी समय आकर इस प्रकिया तथा इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
हर्षिल घाटी का झाला गाँव – स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सुधार का नया मॉडल”
धामी ने क्रिएटर्स को दिया संदेश – “सकारात्मक कंटेंट से बदलेगा प्रदेश का भविष्य”
राहत: DG सूचना की पहल से 15 दिवंगत पत्रकार परिवारों को मिली बड़ी राहत…
सचिवालय में बड़े पैमाने पर कर्मियो की जिम्मेदारी बदली
आदि गौरव महोत्सव जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं का उत्सव: मुख्यमंत्री
















Subscribe Our channel
