उत्तराखंड
संकट: कोरोना ने प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में जड़ दिए ताले, आखर ज्ञान तो दूर, खाने के पड़े हैं लाले, कैसे उभरेंगे कोचिंग संस्थान
देहरादून। वैश्विक महामारी से जहां भारत सहित पूरा विश्व जुझ रहा है वहीं उत्तराखंड राज्य के अनगिनत कोचिंग संस्थान व यहां पर कार्यरत शिक्षक भी महामारी का दंश झेल रहे हैं। उत्तराखंड कोचिंग संस्थानों का कई करोड़ रुपयों का कारोबार है। परंतु 6 महीने से सारा कारोबार बंद पड़ा है।
इन कोचिंग संस्थानों में लाखों बच्चे परीक्षाओं की तैयारी करते हैं साथ ही हजारों शिक्षकों का इन संस्थानों से जुड़े हुए हैं जो इस वैश्विक महामारी में बेरोजगारी की कगार पर खड़े हो गए हैं।
कई कोचिंग संस्थानों ने महामारी के दौरान भी ऑनलाइन क्लास शुरू तो कि परंतु ऑनलाइन में बच्चों तादाद में भारी कमी आई जिससे किसी भी कोचिंग संस्थान चलाने वाले के लिये आपने खर्चों का बहन करना काफी मुश्किल हो रहा था।
देहरादून के डिफ्फेन्स कॉलोनी में ब्राइट ट्यूटोरियल नाम से अपना कोचिंग चलाने वाले आशीष यादव का कहना है कि “मैं पिछले 10 साल से कोचिंग सेंटर चला रहा हूँ लॉक डाउन के कर कोचिंग क्लासें बंद करनी पड़ी।
3 माह तक टीचरों को किसी तरह वेतन दिया अपनी सारी जमा पूंजी खर्च कर किसी तरह बैंक क़िस्त व कोचिंग सेंटर का किराया दिया ।
अब सारा पैसा खर्च हो गया है तो पिछले महीने अपनी कार बेचनी पड़ी किसी तरह से अपने घर का खर्च, क़िस्त व अन्य खर्चे चला रहा हूँ। मेरे साथ जो 6 शिक्षक जुड़े थे वे अब बेरोजगार हो गए हैं”
कोचिंग संस्थान चलाने वाले कई लोग अपना घर चलाने के लिए अपनी घर की संपत्ति को बेच रहे है तो वहीं राज्य में कोचिंग संस्थान चलाने वालों को समझ नहीं आ रहा है कि कुछ समय ओर कोचिंग बंद रहे तो कैसे जीवन यापन किया जायेगा।
राज्य में कई कोचिंग संचालकों ने अपना सेटअप किराये की जगह पर लगाया है संचालकों के सोचना है कि इसी तरह कोचिंग बंद चलते रहे तो मकान मालिक किराये के अभाव में जगह खाली न करवा दे इस डर के साथ भी कई कोचिंग संचालक जी रहे हैं।
“कुछ समय पूर्व देहरादून के ऋषभ गुप्ता जो पथरीबग में कोचिंग सेंटर का संचालन करते थे उन्होंने बेरोजगारी से तंग आ कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिनकी सिर्फ 3 माह पूर्व ही शादी हुई थी”
राज्य के बड़े शहर जैसे देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, हरिद्वार, मसूरी, विकासनगर, नैनीताल अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, श्रीनगर गढ़वाल सहित कही जगह संचालित कोचिंग संस्थानों के मालिकों के इसी का डर सता रहा है
ऋषिकेश में Alliance IAS Academy नाम से कोचिंग संस्थान चलाने वाले हिमांशु रावत का भी कहना है कि “कई महीनों से संस्थान बंद होने से मेरे सभी सहयोगी शिक्षक आपने को असहाय महसूस कर रहे हैं।
हमारी न तो सरकार सुन रही है ना ही प्रशासन। हिमांशु ने आगे कहा कि हम अब किराये पर ली गई जगह के किराया देने में भी असक्षम होते जा रहे है ये मेरे साथ ही नहीं ऋषिकेश के सभी कोचिंग संस्थानों का यही हाल है”
राज्य में संचालित होने वाले सभी कोचिंग संस्थान मालिकों के समक्ष कई परेशानियां आ रही हैं जिसके लिए कोचिंग संस्थान के मालिक धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। सभी कोचिंग संस्थान इसी उम्मीद में हैं कि कब मिलेगी संजीवनी।
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