उत्तराखंड
ड्यूटी से गायब चल रहे 52 चिकित्सकों के त्यागपत्र मंजूर, सेवाएं समाप्त
UT-देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से गायब चल रहे 52 चिकित्सकों के त्यागपत्र मंजूर करते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है। इनके स्थान पर अब नए चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी।
उत्तराखंड में लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं। इसका मुख्य कारण प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या कम होना है। राज्य गठन के बाद अभी तक प्रदेश में आई सरकारें स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने में नाकाम रही हैं। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में जाने से चिकित्सक कन्नी काट रहे हैं।
ऐसे में शासन ने कुछ समय पहले गायब डॉक्टरों की जांच कराई तो यह बात सामने आई कि कई डॉक्टर ऐसे हैं जिनकी तैनाती सरकारी कागजों में तो है, लेकिन वे अस्पतालों में लंबे समय से गए ही नहीं। दस्तावेज खंगाले गए तो पता चला कि इनमें से कई ऐसे हैं जो विभाग को त्यागपत्र थमा कर चलते बने हैं। इन्होंने शासन से त्यागपत्र स्वीकृत होने का इंतजार नहीं किया। जब नोटिस भेजे गए तो कुछ ने ज्वाइन कर लिया।
हालांकि, इसके बाद फिर वे छोड़ कर चले गए। ऐसे में शासन ने विधिक कारणों को देखने के बाद अब ऐसे सभी चिकित्सकों की सूची तलब की। इसमें 52 चिकित्सक ऐसे पाए गए जो वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2016 तक के अंतराल में त्यागपत्र विभाग को दे चुके हैं और इस समय निजी चिकित्सालयों में सेवा दे रहे हैं। शासन ने अब इन सबके त्यागपत्र मंजूर कर लिए हैं।
सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने कहा कि इन लोगों के लंबे समय से अनुपस्थित रहने के कारण उन पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। इसलिए सभी की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
कहां कितने चिकित्सक थे तैनात
यूएस नगर- 3
अल्मोड़ा – 5
उत्तरकाशी – 3
पिथौरागढ़- 6
रूद्रप्रयाग- 6
देहरादून- 5
चंपावत – 5
हरिद्वार – 5
बागेश्वर – 2
नैनीताल- 7
पौड़ी – 5
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने के लिए प्रवासी पंचायतों का राज्यभर में आयोजन किया जाए – मुख्यमंत्री…
उत्तराखंड: धामी सरकार गाँव-गाँव तक योजनाएँ पहुँचाने प्रशासन गाँव की ओर…
डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में क्वांसी से ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान का आगाज़…
नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनेगा उत्तराखंड का युवा: सीएम धामी
हर्षिल घाटी का झाला गाँव – स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सुधार का नया मॉडल”
















Subscribe Our channel
You must be logged in to post a comment Login