देहरादून
कार्रवाई: कड़क मुख्यमंत्री का कड़क निर्देश, अनुपस्थित कर्मचारियों के वेतन रोकने के दिये निर्देश ..
देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश के साथ सर्वे चौक स्थित गढ़वाल कमिश्नर कैम्प कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री के गढ़वाल कमिश्नर कैंप कार्यालय में पहुंचते ही हड़कंप मच गया। सीएम ने जाते ही कार्यालय के गेट बंद करवा दिए।
निरीक्षण के दौरान कार्यालय में तैनात 11 कार्मिकों में से मौके पर केवल चार कार्मिक ही उपस्थित मिले। उपस्थिति पंजिका के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन को निर्देश दिये कि जिन कार्मिकों के उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर नहीं है, उनका तत्काल वेतन रोका जाए।
सूत्रों के मुताबिक सीएम को फाइल के कार्य में विलंब होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद वह कैंप कार्यालय पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव ने कई फाइलों व रजिस्टरों का निरीक्षण किया। फाइलों के मूवमेंट में कई खामियां मिली है। इसके अलावा उपस्थिति पंजिका में कई कर्मचारियों के हस्ताक्षर नहीं पाए गए। सीएम ने लापरवाही पर कई कर्मचारियों के वेतन रोकने के निर्देश दिए है।
जहां सीएम के औचक निरीक्षण से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया, वहीं सीएम के अचानक औचक निरीक्षण में पहुंचने को लेकर कई तरह की चर्चाएं भी हैं। बताया जा रहा है कि सीएम इस मामले में बड़ी कार्रवाई भी कर सकते है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने लगभग एक घण्टे तक कमिश्नर कार्यालय की विभिन्न पत्रावलियों का अवलोकन किया। पत्र प्राप्ति रजिस्टर मांगे जाने पर कार्यालय में उपस्थित कार्मिकों ने जानकारी दी कि पत्र प्राप्त होने के बाद अंकन के लिए पौड़ी स्थित कमिश्नर कार्यालय में जाता है।
सीएम के पूछे जाने पर कि किसके आदेश पर यह व्यवस्था की गई है। कार्यालय के कार्मिकों ने जानकारी दी कि 2019 में तत्कालीन वैयक्तिक सहायक द्वारा इसके लिए मौखिक आदेश दिये गये थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कमिश्नर गढ़वाल को निर्देश दिये कि यह कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।
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