देहरादून
अजब गजब: अजब शिक्षा विभाग, गजब कारनामा, पेपर 150 नंबर का और अंक मिले 855..
देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग का अजब गजब कारनामा सामने आया है। शिक्षा विभाग के द्वारा इन दिनों प्राथमिक शिक्षकों के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन जिस तरीके से भर्ती परीक्षा की मेरिट बनाई गई है, उससे भर्ती परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
चंपावत जिले में भर्ती परीक्षा में भारी अनियमितता देखने को मिली है, जिससे विभाग पर सवाल खड़े होते हैं। यहां विभाग की ओर से जारी की गई मेरिट लिस्ट में 3 अभ्यर्थियों को टीआईटी में 150 में से 150 अंक दिखाए गए हैं। तो वहीं एक अभ्यर्थी को 150 में से 855 अंक दिखाए गए हैं। जबकि प्रदेश के किसी भी अभ्यर्थी को 150 अंक नहीं मिले हैं।
वहीं अभ्यर्थियों का कहना है कि 150 नंबर के टीईटी पेपर में पहले तो किसी भी अभ्यर्थी के 150 नंबर नहीं है। लेकिन भर्ती परीक्षा को लेकर जो मेरिट बनाई गई है उसमें कई अभ्यर्थियों के 150 नंबर जहां दर्शाए गए हैं तो कहीं 150 में से 855 नंबर भी दर्शाए गए हैं। जिससे विभाग की मेरिट लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। आखिर किस तरह से मेरिट लिस्ट को तैयार किया गया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब 150 नंबर की टीईटी की परीक्षा होती है तो फिर 855 नंबर कैसे मिल गए और 150 में से 150 नंबर अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग के द्वारा तैयार की गई मेरिट लिस्ट में कैसे मिल गए। अभ्यर्थियों ने इस भूल को सुधारने की मांग शिक्षा विभाग से की है। बीएड टीईटी मेरिट संगठन ने सरकार पर बेरोजगारों को उलझाने वह परेशान करने का आरोप भी लगाएं हैं ।
वहीं संगठन का कहना है कि सरकार ने वर्ष 2018 में प्रकाशित प्राथमिक शिक्षक बैकलॉग सामान्य के पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण किए बिना 2 वर्ष बाद उसी पद हेतु नए आवेदन निकालकर बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक किया है। तो वहीं बेरोजगारों का कहना है कि सरकार की मंशा केवल बेरोजगारों को उलझाने की है ना कि नौकरी देना है।
संगठन ने आगे कहा कि 1 सप्ताह के अंदर वर्ष 2018 में प्रकाशित 400 पदों की भर्ती में सामान्य अभ्यर्थियों को कम से कम 1500 पदों को जोड़कर रिजल्ट जारी करें। और मेरिट में बेरोजगारों के हितों को ध्यान में रखा जाए, कहीं ऐसा न करने पर संगठन उग्र आंदोलन भी करेगा
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