देहरादून
बड़ी खबर: बच्चों के लिए कोरोना टीके का होगा परीक्षण, भारत बायोटेक को मंजूरी, जानिए कहां होगा ट्रायल..
देहरादून: देश इस वक्त कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, इसी के साथ वैक्सीनेशन का कार्य भी जोरशोर से चल रहा है। अभी देश में 18 से 44 आयु तक के लोगों के लिए भी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इससे पहले देश में 45 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा था। वहीं एक्सपर्ट्स ने अंदेशा जताया है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो उसमें बच्चों पर भी काफी प्रभाव पड़ सकता है। इसी कड़ी में अब एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। जिसको देखते हुए अब देश में जल्द ही दो साल से लेकर 18 साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन मिलने लगेगी। कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने मंगलवार को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का 2 से 18 साल के बच्चों के ऊपर ट्रायल करने की सिफारिश की थी, जिसकी अब अनुमति मिल गई है। आपको बता दें कि अगर भारत बॉयोटेक इस ट्रायल में कामयाब होती है तो अमेरिका और कनाडा के बाद भारत 2 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के लिए कोविड टीका तैयार करने वाला तीसरा देश होगा।
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने बताया है कि ये क्लीनिकल ट्रायल 525 लोगों पर किया जाएगा। जो दिल्ली एम्स, पटना एम्स, नागपुर के एमआईएमएस अस्पतालों में होगा। कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक भारत बायोटेक को फेज़ 3 का ट्रायल शुरू करने से पहले फेज़ 2 का पूरा डाटा समिति के पास उपलब्ध कराना होगा और अगर ये ट्रायल सफल रहा तो जल्दी ही बच्चों के लिए वैक्सीन आ जाएगी। आपको बता दें कि इससे पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सिफारिश की थी कि भारत बायाटेक की कोवैक्सीन के फेज़ 2, फेज़ 3 के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे देनी चाहिए, जो कि 2 से 18 साल तक के बच्चों पर किया जाएगा। इसके बाद सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन को 2-18 साल के एज ग्रुप के लिए दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की अनुमति दे दी है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया। जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आंकलन करने के लिए ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। भारत बायोटेक ने आइसीएमआर के साथ मिलकर कोवैक्सीन को विकसित किया है। कंपनी इसका उत्पादन और विपणन भी कर रही है। भारत में टीकाकरण अभियान में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड के साथ कोवैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है।
तीसरी लहर को लेकर एक्सपर्ट्स ने चेताया था कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी है। इस बीच एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर की चेतावनी दी थी। भारत सरकार के ही चीफ वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा था कि तीसरी लहर का आना निश्चित है और इसमें बच्चों पर ज्यादा असर हो सकता है। एक्सपर्ट्स की सलाह के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से तीसरी लहर को लेकर चिंता व्यक्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किए थे कि अगर तीसरी लहर आती है तो बच्चों का क्या होगा, उनके परिजनों का क्या होगा, किस तरह इलाज होगा, इन चीज़ों पर अभी से विचार करने की ज़रूरत है. तीसरी लहर की चेतावनी के बाद कई राज्यों ने अपने यहां अभी से ही बच्चों के लिए अलग से अस्पताल बनाने, स्पेशल कोविड केयर सेंटर्स बनाने पर काम शुरू कर दिया है।
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