देहरादून
खुशखबरीः ढाई घंटे में पहुंचेगे दून से दिल्ली, देश में पहली बार बन रहा ऐसा एक्सप्रेसवे, जानें खासियत…
देहरादून: अब देहरादून से दिल्ली का सफर आसान होने वाला है। महज ढाई घंटे में दून से दिल्ली पहुँचा जा सकेगा। देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे Dehradun-Delhi Expressway बनाने की काम जारी है। दून-दिल्ली एक्सप्रेसवे Doon-Delhi Expressway का निर्माण कार्य प्रगति पर है। फेज-4 का काम शुरू हो गया है। इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने पर लोगों को बहुत राहत मिलने वाली है। इसका निर्माण वर्ष 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे Delhi Dehradun Expressway के तहत वन्यजीवों की सुरक्षा की दृष्टि से राजाजी नेशनल पार्क के जंगल वाले इलाके में बनने वाले दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर Dehradun Economic Corridor के लिए फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी ओर डाट काली में सहारनपुर वाले छोर से 340 मीटर लंबी नई टनल की खुदाई की जा रही है। टनल निर्माण का काम कर रही कंपनी यहां लोहे की रिब लगाकर मशीन के जरिये ड्रिलिंग कर रही है।
दो चरणों में इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण
बताया जा रहा है कि दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर Delhi-Dehradun Green Field Economic Corridor के पहले चरण की शुरूआत मार्च 2021 में हुई थी। पहले चरण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से Eastern Peripheral Expressway दिल्ली तक छह लेन की एलिवेटेड रोड Elevated Road का निर्माण होना है। जबकि दूसरे चरण में हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ व बड़ौत को जोडने के लिए सात जगह इंटरचेंज होंगे। इस एक्सप्रेसवे के लिए हरिद्वार तक 51 किमी के दौरान छह इंटरचेंज, चार फलाईओवर, छह प्रमुख पुल, 10 माइनर और दो आरओबी भी बनाए जाएंगे।
दून-दिल्ली एक्सप्रेसवे की खासियत
- दिल्ली से देहरादून के बीच की 235 किलोमीटर की दूरी इस हाईवे से 210 किलोमीटर रह जाएगी लेकिन यह इतना तेज़ होगा कि सफर में समय 6.5 घंटे के बजाय 2.5 घंटे ही लगेगा।
- इस रास्ते पर 25 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड होगी और 14 सुरंगें और यह 6 लेन रास्ता साफ जंगलों के हसीन नज़ारों के बीच से होकर गुज़रेगा।
- इस पूरे एक्सप्रेस वे को इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि यहां वाहनों की कम से कम रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रहे।
- इस एक्सप्रेस वे पर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज़ से 12 किमी की एलिवेटेड रोड बनाई जा रही है, जो देश में पहली बार हो रहा है।
12 सदस्यों वाला एक्सपर्ट पैनल कर रहा निगरानी
गौरतलब है कि काफी विवादों के बाद इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी। एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की निगरानी का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI को सौंपा था। एनजीटी ने प्राधिकरण से कहा है कि एक्सप्रेसवे का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल हो और इससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इस निगरानी के लिए NGT ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 12 सदस्यों वाला एक्सपर्ट पैनल बनाया था।
पर्यावरण को न पहुंचे नुकसान
इस पैनल का काम हाईस्पीड रोड के निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा सही तरीके से डिस्पोज कराना और एक्सप्रेसवे की वजह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे या गणेशपुर-देहरादून सड़क (एनएच-72ए) पर वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर को बाधित होने से बचाना है।
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