देहरादून
मौसम: उत्तराखंड में मौसम की बेरुखी से सूखे के हालात, पर्यटन और कृषि कारोबार पर भी असर
देहरादून: उत्तराखंड में इस सीजन में न तो अच्छी बारिश हुई न ही उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी हुई। जिसके चलते राज्य के अधिकांश जनपदों में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है। प्रदेश में बारिश-बर्फबारी की बेरुखी से आठ जनपदों में सूखे के हालात हो गए हैं। तराई क्षेत्र में बसे ऊधम सिंह नगर जिले में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति है, यहां अभी तक औसत से 79 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
प्रदेश में मिनी स्विटजरलैंड के नाम से विख्यात स्कीइंग स्थल औली में भी मशीन से बर्फ बनाकर स्नो डे मनाना पड़ा। कुमाऊं के मुनस्यारी में भी बीते 30 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब आधी जनवरी बीत जाने के बावजूद भी अभी तक बर्फ नहीं गिरी है। मौसम की इस बेरुखी से पर्यटन कारोबार पर असर पड़ा है और काश्तकारों के लिए भी चिंता की बात है।
मौसम विभाग का भी कहना है कि प्रदेश के आठ जिलों में बारिश का आंकड़ा माइनस में चला गया है जो एक चिंता जनक विषय है। मौसम विज्ञान केंद्र के अधिकारियों का भी कहना है कि अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत, देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर में औसत से कम बारिश हुई है।
दून में अब तक 34 एमएम बारिश हुई। बीते साल जनवरी में 125 एमएम बारिश हुई थी। 2018 को जनवरी में दून में 25.2 एमएम बारिश हुई। राज्य में अब तक 15% बारिश ही हुई। प्रदेश के इन क्षेत्रों में पहले के मुकाबले काफी कम बारिश हुई है जो इस प्रकार हैं, देहरादून-07, बागेश्वर-07, पौड़ी-14, उत्तरकाशी-16, अल्मोड़ा-27, हरिद्वार-57, चम्पावत-59, यूएसनगर-79, यह सभी आंकड़े फीसदी में हैं।
प्रदेश में कम हुई बारिश के कारण सीजन की फसलों जैसे गेहूं, सरसों, जौ के अलावा सेब की फसल पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका पैदा हो गई है। कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि जल्द बारिश न हुई तो फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है। जिसको लेकर कास्तकार खासे परेशान हैं।
भविष्य के लिहाज से जनवरी में अच्छी बर्फबारी की बहुत जरूरत है, बर्फ नहीं गिरने से इसके बाद मौसम गर्म होता चला जाएगा। दिसंबर माह में भी ऊपरी इलाकों में काफी कम हिमपात हुआ है। हिमालय के ग्लेशियरों के लिए मौसम की ये बेरुखी घातक सिद्ध हो सकती है।
पहले ही कोरोना की मार से जूझ रहे पर्यटन कारोबारियों को मौसम से काफी उम्मीदें थी पर मौसम की बेरुखी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बीते सालों की तुलना में कम बर्फबारी से उत्तरकाशी, टिहरी, मसूरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, लैंसडौन, नैनीताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर में पर्यटन कारोबार अच्छा खासा प्रभावित हुआ है।
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