देहरादून
रिसर्च: वैज्ञानिकों की नई खोज, अब तप्त कुंडों से भी उत्पन होगी बिजली, जानिए ख़ासियत…
देहरादून: उत्तराखंड में कई गर्म पानी के स्रोत्र हैं। हिमालयी क्षेत्र में 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर गर्म पानी के स्रोत देख हर कोई दंग रह जाता हैं। राज्य में चार धाम सहित 40 गर्म पानी के तप्त कुंड मौजूद हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब इसी गर्म पानी का इस्तेमाल बिजली उत्पादन करने में किया जाएगा। जिससे राज्य को राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। वैज्ञानिक इस कड़ी में काम कर हैं।
आपको बता दें कि देहरादून से वाडिया इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक लंबे समय से इस पर कार्य कर रहे हैं। जिसमे अब सफलता मिल गई है। तपोवन में इस पर काम शुरु हो गया हैं। बता दें कि अब इंस्टीट्यूट एक कंपनी द्वारा तपोवन में मौजूद जियोथर्मल स्प्रिंग पर बायनरी पावर प्लांट लगाए जाने के लिए डीपीआर तैयार करवा रही है।वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. समीर कुमार तिवारी ने जोशीमठ के तपोवन में स्थित गर्म पानी के स्रोत पर काफी गहन अध्ययन किया है। हिमालयी क्षेत्रों में मौजूद गर्म पानी के स्रोतों को टैपकर करीब 10,600 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा सकती है। हालांकि, ऐसी परियोजना अभी शुरू नहीं हुई है लेकिन जोशीमठ के तपोवन में मौजूद गर्म पानी के स्रोत के अध्ययन से पता चला है कि तपोवन के जियोथर्मल स्प्रिंग्स से 5 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है।
आपको बता दें कि न्यूजीलैंड, जापान, आइसलैंड, फिनलैंड, इटली आदि देशों में जियो थर्मल स्प्रिंग से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। गौरतलब है कि गर्म पानी के स्रोत को साइंस की भाषा मे जियोथर्मल स्प्रिंग्स कहते हैं, क्योंकि यह पानी जमीन से ही गर्म होकर बाहर निकलता है। जब वर्षाजल या ग्लेशियर पिघलकर पानी जमीन में पड़ी दरारों के माध्यम से एक निश्चित गहराई तक जाता है, जो यह पानी धरती की आंतरिक ऊष्मा से गर्म होकर, बाहर निकलता है। जिसमें बहुत सारे मिनिरल्स भी होते हैं।
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