देहरादून
उत्तराखंड का अजब हाल, योजनाओं के फेरबदल में चार साल भटकती रही बेटियां, विभाग ने सरेंडर किए लाखों…
देहरादून: उत्तराखंड के भी अजीब हाल है। योजनाएं तो बहुत है लेकिन योजनाओं में इतने पेच है की बेटियां भटकने को मजबूर है और विभाग लाखों रुपए सरेंडर कर रहे हैं। जी हां आपको अजीब लगेगा लेकिन 2017 में इंटर पास बेटियां नंदा गौरा कन्या धन के लिए समाज कल्याण विभाग और महिला तथा बाल विकास विभाग में चार साल से भटकती रहीं। इधर, समाज कल्याण निदेशालय ने इस योजना के 13.50 लाख रुपये सरेंडर कर दिए है। योजना के उलझे नियम के कारण बेटियां लाभ लेने से वंचित रह गई।
आपको बता दें कि नंदा देवी कन्या धन योजना के तहत वर्ष 2016 तक इंटर पास होते ही बेटियों को 50 हजार रुपये दिए जाते थे। लेकिन वर्ष 2017 में शासन ने योजना का नाम नंदा गौरा कन्या धन योजना रखा और महिला तथा बाल विकास विभाग को सौंप दिया। अब 50 हज़ार की धनराशि सात चरणों में बांट गई। पहला चरण जन्म होने पर पांच हजार, फिर एक साल, आठवीं, 10वीं व 12वीं पास होने पर पांच-पांच हजार, स्नातक करने पर 10 हजार व शादी करने पर 16 हजार किया गया। इसके बाद वर्ष 2019 में शासन ने फिर नियम बदल दिए। सात चरणों में मिलने वाला नंदा गौरा कन्या धन दो चरणों में किया गया। बेटियों को जन्म के समय 11 हजार व इंटर करने पर 51 हजार रुपये किए गए। लेकिन इन योजनाओं के फेरबदल से बेटियों की फजीहत हो गई। निदेशालय ने इस योजना का 13.50 लाख रुपये सरेंडर कर दिया।
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