देहरादून
बेरोजगारी: इन विभागों में हजारों पद खाली, नौकरियों की राह देख रहे युवाओं की उम्मीदें टूट रही….
देहरादून: उत्तराखंड में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ती जा रही है जो युवा निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे थे वो इस कोरोना महामारी के दौरान अपनी नौकरी से हाथ धो चुके हैं। युवाओं को उम्मीद थी कि आने वाले वक्त में इस महामारी से छुटकारा मिलेगा तो नौकरी मिल ही जाएगी परंतु 2021 में भी कोरोना महामारी ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया। जिसके साथ बेरोजगार युवाओं के चेहरे पर मायूसी छाने लग गई। आपको बता दें कि प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लाखों में है और वहीं विभागों में हजारों की संख्या में पद खाली हैं। राज्य सरकार के विभागों में हजारों पद खाली होने के चलते भी उन पदों को नहीं भरा जा रहा है। विगत चार साल से हमारी प्रदेश सरकार इन खाली पड़े पदों को भरने का दावा करती आई है। जो अभी तक भी नहीं भरे गए हैं प्रदेश के युवाओं के साथ राज्य सरकार इस दौर में भी झुमले राग गा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खुद सरकार के ही आंकड़े बता रहे हैं कि राजकीय महकमों में ही 56 हजार से अधिक पद खाली हैं। जबकि राज्य सरकार के 14 बड़े विभागों में करीब 36 हजारों पद अभी भी खाली चल रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहकर भी इन खाली पदों को भरने का साहस नहीं जुटा पा रही है। इसका कारण हमारी राज्य सरकार कमजोर वित्तीय स्थिति को देकर अपना पल्ला झाड़ रही है। जिससे नियमित भर्ती से राजकोष पर अधिक खर्च का दबाव बढ़ेगा। लिहाजा सरकार की कोशिश खाली पदों पर अस्थाई नियुक्ति करने की रही है। लेकिन नियमित भरती न होने और बड़ी संख्या में खाली पद होने से विभागों का कामकाज प्रभावित भी हो रहा है। साथ ही सरकारी नौकरियों की राह देख रहे बेरोजगारी की उम्मीदें भी टूट रही हैं। आपको बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 को रोजगार वर्ष के तौर पर मनाने का फैसला किया था। इसके तहत सरकारी और गैरसरकारी रोजगार सृजित करने और रोजगार भर्ती की प्रक्रिया को तेज करने की कोशिशें की गईं। लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते खाली पदों के लिए आयोगों को प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया थम गई थी। साथ ही आपको बता दें कि रोजगार के मुद्दे पर प्रदेश की सियासत काफी गर्म है। सभी पार्टियों का 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा भी बेरोजगारी ही है। कांग्रेस रोजगार के मुद्दे पर भाजपा सरकार की आलोचना करती आ रही है तो वहीं भाजपा भी पूर्व कांग्रेस सरकार के तुलनात्मक आंकड़ों के जरिये यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि उसके प्रयास कांग्रेस से ज्यादा बेहतर रहे हैं। हालांकि बेरोजगारों का मानना है कि सरकारी नौकरियों के लिए खाली पदों को भरने में प्रदेश सरकारों ने हमेशा कंजूसी बरती है। जिसके चलते बेरोजगारी दर बढ़ती ही जा रही है।
एक अप्रैल 2020 तक प्रमुख विभागों में खाली पदों की संख्या:-
विभाग सृजित पद खाली
कृषि 2489 1270
लोनिवि 11226 2333
वन विभाग 9237 3519
पशुपालन 3443 754
उद्यान 3550 1402
पुलिस 26009 1467
उच्च शिक्षा 3563 2130
विद्यालीय शिक्षा 35892 4184
माध्यमिक शिक्षा 32588 7899
चिकित्सा व स्वास्थ्य 11879 3403
चिकित्सा शिक्षा 5215 2893
परिवार कल्याण 4565 1359
महिला सशक्तिकरण 31035 1273
माध्यमिक 12833 2166 (अकादमिक व शोध)
कुल 36052
आंकड़ों में स्थिति आपको बताएं तो 200279 स्थाई पद सरकारी विभागों में हैं। 46396 पद सरकारी विभागों में अस्थाई हैं और 56944 पद सरकारी विभागों में अभी रिक्त पड़े हैं।
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