देहरादून
राजनीति: उत्तराखंड का चुनावी परिणाम तय करेगा इन 9 वरिष्ठ नेताओं का भविष्य, बढ़ेगा सियासी करियर या लगेगा ब्रेक…
देहरादून: उत्तराखंड में मतगणना से पहले सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज है। 10 मार्च को रिजल्ट आना है लेकिन इस चुनाव में नौ नेता ऐसे है जिनका राजनीतिक करियर दांव पर लगा है। इस लिस्ट में बीजेपी के 2 नेता तो कांग्रेस के हरीश रावत और हीरा सिंह बिष्ट समेत 6 नेता चुनावी किस्मत आजमा रहें है। मतगणना से सिर्फ उत्तराखंड में सरकार ही नहीं बनेगी बल्कि ये भी तय करेगी कि इन 70 पार कर चुके नेताओं का करियर आगे बढ़ेगा या ब्रेक लग जाएगा। देखिए इन नेताओं की लिस्ट…।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार बीजेपी में 70 की उम्र पार चुके कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया जाता, लेकिन उत्तराखंड में दो कैबिनेट मंत्रियों को टिकट दिए गए। इनमें एक डीडीहाट सीट से बिशन सिंह चुफाल रहे। तो दूसरे बंशीधर भगत। 70 पार के भगत कालाढूंगी सीट से किस्मत आजमा रहे है, हालांकि चुनाव से ठीक पहले ये एक वायरल ऑडियो को लेकर चर्चा में आ गए थे। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने इस ऑडियो को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भगत पर इशारों में आरोप भी लगाए थे। वहीं कांग्रेस के छः वरिष्ठ नेताओं का करियर दांव पर है। इसमें कांग्रेस में 81 साल की उम्र के हीरा सिंह बिष्ट , गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व सीएम हरीश रावत, नानकमत्ता से गोपाल सिंह राणा,पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी,धर्मपुर सीट से दिनेश अग्रवाल और यशपाल आर्य का नाम शामिल है।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता कुंजवाल ने तो जागेश्वर से ऐलान ही कर दिया था कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा। तो वहीं कुंजवाल के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी कहा है कि इस चुनाव में उनका सब कुछ दांव पर लगा है। हाल ही में उनका बयान सामने आया था कि वह सीएम बनेंगे या फिर घर बैठेंगे। हालांकि आज हरदा ने अपना बयान बदलते हुए ये कहा कि जिसे सोनिया गांधी चाहेंगी वह सीएम बनेगा। हालांकि हरदा ईवीएम पर भी घपले की आशंका जता चुके है तो वहीं भाजपा प्रत्याशी अपने ही नेताओं पर भीतरघाट और साजिश रचने के आरोप लगाएं है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर हारने के डर की बातें कर रहे है। कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसका फैसला 10 मार्च को होगा।
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