उत्तराखंड
गजब! इस अधिकारी ने मई में लगाया जुलाई का मेडिकल सर्टिफिकेट, लगा है घोटाले का आरोप
UT- छात्रवृत्ति घोटाले में आरोप से घिरे से समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक एवं पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल अपने जाल में खुद फंस गए हैं। एसआईटी के नोटिस पर नौटियाल ने खुद को ब्लड प्रेशर का मरीज बताकर अगले सात दिन तक आने में असमर्थता जताई है।
अपनी बात के समर्थन में मेडिकल सर्टिफिकेट भी लगाया है। बड़ी बात यह है कि एसआईटी को भेजे गए मेडिकल सर्टिफिकेट पर जुलाई 2019 की तिथि दर्ज है यानि एडवांस में यह मेडिकल जारी किया गया है। इसी आधार पर एसआईटी अब नौटियाल को नोटिस भेजने की तैयारी में है।
छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी ने हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल (फिलहाल संयुक्त निदेशक समाज कल्याण) को नोटिस जारी कर 17 मई को बयान देने के लिए बुलाया था।
घोटाले के दौरान अनुराग शंखधर और गीताराम नौटियाल ही अधिकांश समय देहरादून और हरिद्वार के जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे थे। निर्धारित तिथि पर नौटियाल एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए तो माना गया है कि नौटियाल अपना बचाव का रास्ता तलाश रहे हैं।
इसी बीच नौटियाल ने एसआईटी को पत्र भेजकर सात दिन की मोहलत मांगी है। पत्र में कहा गया है कि वे ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। फिलहाल तबीयत ठीक नहीं होने के कारण वे एसआईटी के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ हैं।
ऐसे में उन्हें कुछ दिनों की छूट दी जाए। एसआईटी सूत्राें के मुताबिक नौटियाल ने पत्र के समर्थन में मेडिकल सर्टिफिकेट भी भेजा है। हालांकि, इस पर जुलाई 2019 की तिथि दर्ज है। जाहिर है कि चिकित्सक ने एडवांस में ही नौटियाल का मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर दिया। एसआईटी अब इसी मेडिकल सर्टिफिकेट को आधार बनाकर नौटियाल को नोटिस जारी करने की तैयारी में है।
इस मामले में हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण गीताराम नौटियाल का पक्ष जानने की कोशिश की गई है, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। जैसे ही उनका पक्ष मिलेगा, उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
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