उत्तराखंड
चुनावी माहौल में चर्चा: मोहन भागवत-मुलायम सिंह की मुलाकात बढ़ा गई सियासी तापमान, कांग्रेस-सपा में तकरार…
दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की राजधानी दिल्ली में हुई मुलाकात चुनावी माहौल में सियासी तापमान बढ़ा गई । वैसे इन दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात शिष्टाचार भेंट थी लेकिन राजनीतिक जानकारों ने इसे सियासी तूल दे दिया। यही नहीं भागवत और मुलायम की मुलाकात के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच घमासान भी शुरू हो गया। आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम। बता दें कि दिल्ली में सोमवार शाम को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पोती की शादी के कार्यक्रम में मोहन भागवत और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मुलाकात हुई। तस्वीर सोशल मीडिया पर आते ही चर्चा में आ गई।
बता दें कि दोनों नेता एक ही सोफे पर बैठे नजर आ रहे हैं। तस्वीर में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल भी नजर आ रहे हैं। एक ही सोफे पर बैठकर दोनों नेताओं ने साथ-साथ नाश्ता भी किया। इस दौरान दोनों के बीच बातचीत हुई। मोहन भागवत और मुलायम सिंह की मुलाकात का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर होते ही प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। सबसे खास बात यह रही कि मुलाकात संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुलायम सिंह यादव के बीच हुई लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। शुरुआत उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इन दोनों नेताओं की फोटो शेयर करते हुए तंज कसा। कांग्रेस ने अखिलेश यादव के नए नारे नई सपा को संघवाद से जोड़ते हुए इस फोटो को शेयर कर नई सपा में ‘स’ का मतलब ‘संघवाद’ है? लिखा गया। उसके बाद भागवत के साथ मुलायम सिंह यादव की मुलाकात की तस्वीर पर यूपी कांग्रेस के तंज पर समाजवादी पार्टी ने पलटवार किया ।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा जो लोग शिष्टाचार नहीं जानते, भारतीय संस्कृति नहीं जानते। वो इसके मायने निकालते रहे। दो लोग अगर किसी कार्यक्रम में जाते हैं तो शिष्टाचार के नाते बातचीत तो होती है। उन्होंने कांग्रेस पर साधा निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा क्या है मोदी के सारे कांग्रेसी भाजपा में है। जहां देख लो बीजेपी में सब कांग्रेस वाले ही है तो बीजेपी ही कांग्रेस है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 0 प्लस 0 प्लस जीरो है। रामगोपाल यादव के बाद समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस राजनीतिक शिष्टाचार को भूल चुकी है। जिस कार्यक्रम की तस्वीर लगा रही कांग्रेस उसी कार्यक्रम में कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के नेताओं ने भी नेताजी मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद लिया। इस पर क्या कहेगी कांग्रेस? बता दें कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पोती के स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
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