उत्तराखंड
उत्तराखंड की डॉ. अदिति इस राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित, खतरनाक जानवरों को करती है वश में, जानें इनके बारे में…
देहरादूनः उत्तराखंड की डॉ. अदिति शर्मा Dr Aditi Sharma लेडी सिंघम और ट्रेंकुलाइजर वुमेन के नाम से मशहूर है। हाथों में ट्रेंकुलाइज गन लेकर खतरनाक वन्यजीवों का सामना करना उनकी पहचान और पेशा है। आदमखोर गुलदार हो या बाघ या फिर कोई बेकाबू हाथी… डॉ. अदिति उन्हें ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू में अहम भूमिका निभाती हैं। अपनी इसी खासियत के चलते उन्हें नागपुर में डॉ. वल्लभ मंडोखोट मेमोरियल पुरस्कार Dr. Vallabh Mandokhot Memorial Award के सम्मानित किया गया है।
पूरे देश में से एक महिला पशु चिकित्सक
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार डॉक्टर अदिति शर्मा को उत्तराखंड की एकमात्र ट्रेंकुलाइजर वुमेन एक्सपर्ट tranquilizer women कहा जाता है। उन्हें डॉ. वल्लभ मंडोखोट मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत RSS chief Mohan Bhagwat ने दिया। साथ ही 41 हजार रुपये की सम्मान राशि भी दी गई है। बताया जा रहा है कि डॉ. वल्लभ मंडोखोट मेमोरियल के नाम से दिए जाने वाले इस अवॉर्ड को नेशनल एकेडमी ऑफ वेटरनरी साइंस (National Academy of Veterinary Sciences India) की ओर से हर साल पूरे देश में से एक महिला पशु चिकित्सक को दिया जाता है।
13 साल की उम्र में पिता की हो गई थी मौत
आपको बता दें कि डॉ. अदिति शर्मा राजाजी नेशनल पार्क की वेटरनरी डॉक्टर हैं।तीन बहनों में सबसे छोटी डॉ. अदिति जब मात्र 13 साल की थीं उनके पिता का एक एक्सीडेंट में निधन हो गया था। पिता के जाने के बाद भी उन्होंने शिक्षा जारी रखी। डॉ. अदिति ने पंतनगर विश्वविद्यालय Pantnagar Universityसे पहले बी.वी.एससी और फिर एम.वी.एसी की डिग्री हासिल की और 2003 में पशुपालन विभाग में वेटरनरी डॉक्टर के पद पर नौकरी शुरू की लेकिन मन वन्यजीवों के लिए धड़कता रहा।
‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ अभियान की ब्रांड एम्बेसडर
उसके बाद प्रतिनियुक्ति पर डॉ. अदिति राजाजी नेशनल पार्क Rajaji Nnational Park से जुड़ गईं। बीते 19 साल से वह राजाजी पार्क में अपनी सेवाएं दे रही है। डॉ. अदिति शर्मा वन्यजीवों को बेहोश कर उन्हें रेस्क्यू करने में माहिर हो चुकी हैं। खतरनाक वन्यजीवों के कारण जब लोग घरों में कैद हो जाते हैं, खौफ के ऐसे वक्त में डॉ. अदिति शर्मा लेडी सिंघम की तरह खतरनाक जंगली जानवरों को काबू में करने का काम शुरू करती हैं। उनके काम को देखकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ अभियान का ब्रांड एम्बेसडर Brand ambassador of ‘Beti Padhao, Beti Bachao’ campaign बनाने की घोषणा भी की थी।
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