उत्तराखंड
उत्तराखंड: बीआरओ अधिकारियों की अभद्रता के कारण पुल का उद्घाटन चढ़ा हंगामे की भेंट…
नरेन्द्रनगर। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग(एन एच-94)पर खाडी में निर्मित 50 मीटर लंबा व 15 मीटर चौड़े स्पान पुल का वर्चुअल उद्घाटन देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। चूंकि इस पुल का वर्चुअल उद्घाटन देश के रक्षा मंत्री द्वारा किया जाना था इसलिए बीआरओ के अधिकारी पिछले एक सप्ताह से उद्घाटन की तैयारियों में जुटे हुए थे। इस पुल का वर्चुअल उद्घाटन हो ही रहा था कि इस बीच एक वाहन को हटाए जाने को लेकर बीआरओ के अधिकारियों द्वारा बरती गई दादागिरी और अभद्र शब्दों के प्रयोग से पुल का अच्छा खासा उद्घाटन हंगामे की भेंट चढ़ गया। दरअसल बीआरओ के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा अनेकों खामियों को लेकर पहले से पनप रहा था,मगर उद्घाटन स्थल के पास खड़े वाहन को हटाने को लेकर बीआरओ के अधिकारियों की दादागिरी और अभद्र शब्दों ने लोगों के अंदर लंबे समय से दबे गुस्से को उबालने में घी का ऐसा काम किया कि लोगों का गुस्सा सड़क पर फूट पड़ा, उद्घाटन के मौके पर बड़ी तादाद में मौजूद लोगों ने बीआरओ व भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी की अनेकों लापरवाही गिनाते हुए,उद्घाटन को हंगामे में तब्दील करके रख दिया।
हंगामा इतनी देर तक चला इसकी सूचना पाते ही उप जिलाधिकारी नरेंद्रनगर, तहसीलदार और थाना अध्यक्ष मौके पर आ पहुंचे व सभी अधिकारी समारोह को छोड़ ऑल वेदर कंस्ट्रक्शन से हुए नुकसान के निरीक्षण करने को रवाना हुए। हंगामे की सूचना मिलते ही उप जिला अधिकारी नरेंद्र नगर युक्ता मिश्र और तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल तथा एसएचओ प्रदीप पंत को मय फोर्स मौके पर पहुंचे। बीआरओ के अधिकारियों को नहीं पता था कि एक वाहन को दादागिरी के साथ अभद्र शब्दों का प्रयोग कर हटाने पर उनके इतने बड़े कार्यक्रम पर पानी फिर जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र सिंह भंडारी, क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता तथा उत्तराखंड जन जागृति संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष अरण्य रंजन ने बीआरओ पर आरोप जड़े कि खाड़ी पुल के पास देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उत्तराखंड आंदोलन में शहीद हुए रविंद्र सिंह रावत(पोलू) के स्मारक ऑल वेदर रोड निर्माण के चलते तोड़े गये, इन दोनों स्मारकों को पुनः स्थापित करने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने अनेकों बार लिखित व मौखिक प्रार्थना ऑल वेदर रोड कंस्ट्रक्शन भारत कंपनी तथा बीआरओ से,मगर बीआरओ ने इन स्मारकों को स्थापित करने की जहमत 2 साल बाद भी नहीं उठाई, कहा कि भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी और बीआरओ के ये क्रियाकलाप पूर्व प्रधानमंत्री और आंदोलनकारी की उपेक्षा के जीते जागते उदाहरण हैं,जो कतई बर्दाश्त के काबिल नहीं हैं।
ब्लाक प्रमुख राजेंद्र भंडारी और सामाजिक कार्यकर्ता अरण्य रंजन का कहना है कि पुल निर्माण शुरुआत से ही संदेश के दायरे में रहा है। भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी और बी आर ओ कि अधिकारियों को उनके गलत क्रियाकलापों के लिए लोगों ने खूब लताड़ लगाई। नवनिर्मित पुल के पास पुराने पुल पर दिए गये सपोर्ट अभी तक नहीं हटाई गये, बीआरओ द्वारा फेंके गए मलबे के कारण जाजल इंटर कॉलेज का लंबा-चौड़ा खेल मैदान मलबे की भेंट चढ़ गया है। बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री अभी तक पुल के नीचे पड़ी हुई है। जिससे बरसात में हेंवल नदी का पानी अवरुद्ध होगा, पानी लोगों के खेत खलियान और घरों में घुसेगा इसकी परवाह न तो भारत कंपनी को है और न बी आर ओ को।इस तरह से क्षेत्रवासियों ने भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी और बीआरओ की क्रियाकलापों पर कई प्रश्नचिन्ह खड़े किए। गुस्साए लोगों के सवालों से निरुत्तर भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी और बीआरओ के अधिकारियों की दादागिरी व अभद्रता ऐसी रफूचक्कर हुई कि वे हर किसी से जी में बतियाते नजर आये। इस पर कुछ लोगों की टिप्पणी थी कि गलत क्रियाकलाप और अभद्र सलूक के चलते आखिर आया न ऊंट पहाड़ के नीचे।उप जिलाधिकारी युक्ता मिश्र, तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल और एसएचओ थाना नरेंद्र नगर प्रदीप पंत के मौके पर पहुंचने के बाद बी आर ओ व भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी से लंबे समय तक वार्ता हुई। उप जिलाधिकारी युक्ता मिश्र ने उद्घाटन के मौके पर इस तरह की घटना घटित होने पर दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
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