उत्तराखंड
आखिर डीएम जिले में ले ही आए आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन; आपदा परिचालन केन्द्र में किया परीक्षण
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा आपदा एवं आपातकाल स्थिति से जनमानस की सुरक्षा एवं अलर्ट करने के लिए तैयारी एडवांस स्टेज पर हैं अब देहरादून जिला आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन से लेस हो रहा है।
शुरूआती चरण में जिले में 16 किमी एवं 08 किमी रेंज तक सुनवाई देने वाले एडवांस टैक्नॉलाजी वाले 15 सायरन सभी प्रमुख स्थानों पर लगाए जा रहे हैं जिनका आज आपदा कन्ट्रोेलरूम में परीक्षण किया गया है। जिलें में पहली बार आर्मी, पैरामिलट्री, एयरपोर्ट, बड़े अस्पताल आदि वायटल इन्सटॉलेशन यूनिट पर जिलाधिकारी की पहल पर रेपिड कम्यूनिकेशन सिस्टम भी लगाये जा रहे हैं, इससे बाहरी आक्रमण एवं अन्य अपातकालीन स्थिति में एक ही समय पर सभी संस्थानों से एक साथ कम्प्यूनिकेशन हो सकेगा।
युद्व एवं हवाई हमले जैसी हालात में आम नागरिकों को खतरे की चेतावनी देने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए राजधानी देहरादून के सभी प्रमुख स्थानों पर सायरन लगाने का काम शुरू हो गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की मौजूदगी में शनिवार को जिला आपतकालीन परिचालन केंद्र में नए खरीदे गए आधुनिक सायरन का परीक्षण किया गया है। आधुनिक लांग रेज सायरन शुरूआती चरण में घनी आबादी वाले 15 स्थानों यथा थानों पुलिस चौकी में स्थापित किये जा रहे हैं। कई वर्षों बाद डीएम के आह्वान पर जिले मेें इमरजेंसी कम्यूनिकेशनस; पब्लिक वार्निंग अलर्ट सिस्टम उच्चीकृत किये जा रहे हैं।
जिलाधिकारी के निर्देशों पर पहले चरण में देहरादून सिटी के घनी आबादी वाले पुलिस थाना-चौकियों में 08 किलोमीटर और 16 किलोमीटर रेंज के 15 सायरन लगाए जा रहे है। इनका ट्रिगर संबंधित थाना-चौकियों सहित जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में भी रहेगा। शुरूआती चरण में 16 किमी रेंज के 06 तथा 08 किमी रेंज के 09 आधुनिक सायरन स्थापित किये जा रहे हैं, जिससे पूरी देहरादून सिटी में एक साथ सायरन की आवाज सुनाई दे सकेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि सायरन लगाने का मकसद आपात स्थिति में आम नागरिकों से तुंरत जुडकर उनको खतरे का चेतावनी संदेश पहुंचाना है। ताकि सायरन की आवाज सुनते ही लोग खुले स्थानों से हटकर सुरक्षित स्थानों पर जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि दूसरे चरण में जनपद के ऋषिकेश, विकासनगर, चकराता एवं अन्य प्रमुख शहरों में भी चेतावनी सायरन स्थापित किए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि सिटी में 1970 दशक के पुराने सायरन लगे थे। देहरादून में उस समय की आबादी के हिसाब से सायरन लगाए गए थे। वर्तमान में देहरादून की घनी आबादी में सभी स्थानों तक सायरन की आवाज पहुंचाने के लिए नए आधुनिक सायरनों की खरीद कर इनका परीक्षण कर लिया गया है। जल्द ही चिन्हित पुलिस थाना-चौकियों में इनकों स्थापित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सायरनों को उचित स्थानों पर स्थापित किया जाए।
सायरन लगे स्थानों पर अवरोधक न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। ताकि सायरन की आवाज आम नागरिकों तक आसानी से पहुंच सके। जिलाधिकारी ने कहा कि नए आधुनिक सायरन से सिविल डिफेंस सिस्टम को सुदृढ़ एवं सशक्त बनाने में मदद मिलेगी और आपात स्थिति में सिविल डिफेंस सिस्टम एक मजबूत स्तंभ की तरह नागरिक सुरक्षा मुहैया करने में कामयाब होगी।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा, एसडीएम सदर हरिगिरि, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी, आपदा प्रबन्धन अधिकारी रिषभ सहित अधिकारी कार्मिक उपस्थित रहे।

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