उत्तराखंड
उपलब्धिः गढ़वाली फिल्म सुनपट का अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में चयन, जानिए इसकी कहानी…
श्रीनगर: पहाड़ की संस्कृति, पहाड़ की समस्या, पलायन, खानपान किसी से छुपी नहीं है। यहां का खानपान रहन सहन लोगों को जितना भाता है उतनी ही कठीन यहां की जिंदगी है। उत्तराखंड के बनने के 21 साल बाद भी पहाड़ की समस्याएं खाली होते गांव चिंता का विषय है। इन्ही समस्याओं को दर्शाती गढ़वाली फिल्म ‘सुनपट’ का अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के लिए चयन किया गया है। ‘सुनपट’ 35 मिनट की शार्ट गढ़वाली फिल्म है। इसकी पूरी शूटिंग पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल क्षेत्र में हुई है। जिसे सराहा जा रहा है। फिल्म फेस्टिवल में लगने वाली यह अबतक की पहली फिल्म होगी।
आपको बता दें कि ‘सुनपट’ फिल्म का निर्देशन मूल रूप से डांग गांव बीरोंखाल व वर्तमान में जवाहर कालोनी फरीदाबाद निवासी राहुल रावत ने किया है। इतना ही नहीं राहुल ने ही पहाड़ की समस्याओं को दर्शाती इस फिल्म की कहानी को लिखा भी है। साथ ही यहां के लोग का संघर्ष व संस्कृति को बड़े मंच पर बाखुबी दिखाया भी है। इस फिल्म की शूटिंग जुलाई 2020 में पूरी की गई थी। इस फिल्म को गढ़वाली में ही बनाया गया है। गढ़वाली शब्द सुनपट का मतलब सन्नाटा है। सुनपट उत्तराखंड के गावों पर आधारित एक ऐसे समाज की कहानी है जिसका बीता कल खोया हुआ है और आने वाले कल धुंधला नजर आता है।
फिल्म के मुख्य किरदार, अनुज और भरतू स्कूल के दोस्त हैं। फिल्म में उत्तराखंड ग्रामीण परिवेश की झलक, पहाड़ों में जीवन का संघर्ष और उसकी अनिश्चिताओं को दिखाया गया है। इसमें क्षेत्र के लोग ने विभिन्न किरदार निभाया है। फिल्म में आशीष नेगी ने अनुज, सुजल गुसाईं ने भरतु का किरदार निभाया है। इसके अलावा चंदा धौलाखंडी ने मां, विजयपाल सिंह रावत शिक्षक, झुपली देवी दादी, मानसी बिष्ट ने सरिता, बबली रावत व गायत्री देवी महिला दुकानदार, जयपाल दिल्ली का लड़का, रोहित राव ने मोबाइल संचालक, जितेंद्र नेगी प्रधान जबकि वंदना रावत ने छात्रा की भूमिका निभाई है।

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