उत्तराखंड
राजनीति: मिलने लगे हरदा प्रीतम के सुर,उत्तराखण्ड कांग्रेस की बदलने लगी फिजा, जानिए कैसे
देहरादून। अलग अलग अंदाज और पिच पर चलने वाले वाले हरीश रावत और प्रीतम सिंह के सुर एक हो गए हैं और लगता है दोनों को समझ आ चुका है कि एक-दूसरे का साथ दिए बगैर काम नहीं चलेगा। यही वास्तव में सियासत भी है।
करीब 2 हफ्ते पहले जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पूर्व सीएम हरीश रावत का हाल जानने देहरादून में उनके घर पहुंचे थे, वह भी गुलदस्ते के साथ तो फ़िज़ा बदलनी शुरु हो गई थी और इसका असर सोमवार को भी दिखने लगा।
आपको बता दें, सोमवार को किसान कांग्रेस के धरने में हरीश रावत और प्रीतम सिंह एक साथ पहुंचे। यही नहीं दोनों का बैठना भी एक साथ हुआ।
अंदाजा लगाया जा रहा कि प्रीतम सिंह और हरीश रावत को समझ आ चुका है कि एक दूसरे के बगैर काम नहीं चलेगा, वह भी तब जब सामने प्रचंड बहुमत वाली बीजेपी और चुनौती बनकर आ रही आम आदमी पार्टी हो।
मामले में काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि वह और हरीश रावत हमेशा साथ हैं। यह देखने वालों पर निर्भर करता है, वह क्या देखते हैं।
जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहते हैं हर वक्त सभी नेता साथ नहीं दिख सकते, लेकिन अच्छा है कि सब अपना-अपना काम करेंगे, तो चुनाव में कुछ कमा कर लाएंगे
प्रदेश कांग्रेस के धरने में पहुंचे तो किशोर उपाध्याय भी लेकिन वह अब भी खुद को अलग मानते हैं। किशोर का कहना है कि सुबह का भूला, अगर शाम में घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते, हालांकि वह यह याद दिलाना भी नहीं भूले कि कांग्रेस ने सबसे ज़्यादा इन्वेस्टमेंट किया ही प्रीतम, हरीश और इंदिरा पर है।
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