हरिद्वार
Big Breaking: उत्तराखंड के इस विभाग में 7 दिन में 7 करोड़ का घोटाला, जानिए क्या है पूरा मामला…
रुड़की: उत्तराखंड में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आ रहा है। ये मामला चकबंदी विभाग से जुड़ा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो विभाग में 7 दिन में पूरे सात करोड़ रुपये का गोलमाल हुआ है। चकबन्दी अधिकारियों ने भू माफिया के साथ मिलकर इस कारनामे को अंजाम दिया है। मामला सामने आने के आद माफिया और चकबंदी अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इतने बड़े घोटाले से कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामला समाजसेवी जगजीवन राम ने मामले को उजागर कर चकबंदी विभाग के अधिकारियों और भू माफियाओं की पोल खोलते हुए मुख्यमंत्री तक से मामले की शिकायत मामले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। मामला रुड़की में रहमतपुर गांव का बताया जा रहा है , यहां से दिल्ली से हरिद्वार के लिए बाईपास मार्ग बनना है। मार्ग बनाने के लिए बड़े पैमाने पर ग्रामीणों की जमीनें एनएच को खरीदनी हैं , जिसको लेकर भू माफिया पहले से ही सक्रिय होने लगे हैं। इसी कड़ी में चकबंदी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम समाज की जमीन कुछ भू माफिया के नाम मात्र 7 दिनों में ही चढ़ा दी गई ।
गौरतलब है कि 9 अप्रैल 2021 को चकबंदी विभाग में फाइल जमा की गई और 16 अप्रैल 2021 में उस पर ऑर्डर भी कर दिए गए । बड़ी बात यह कि 19 अप्रैल 2021 में दाखिल खारिज भी कर दिया गया , जबकि दाखिल ख़ारिज के बाद चकबन्दी कोर्ट में फाइल चलनी चाहिए थी । इस मामले को एसओसी ने गलत माना है पर संबंधित फाइलों में उनके भी हस्ताक्षर हैं। अब इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह भी उठता ही कि चकबंदी विभाग के इन्ही अधिकारियों पर अबसे पूर्व 2019 में भी एक चकबन्दी घोटाले की जांच चल रही है । मामले की जांच के लिए बाकायदा एसआईटी गठित की गई है । वह जांच दो साल भी पूरी नहीं हो पाई है । अब सवाल यह उठता है कि सात दिन में सात करोड़ के घोटोले की जांच के सात दिन के भीतर कैसे पूरी होगी ?
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