उत्तराखंड
High Court Decision: स्कूल फीस को लेकर हाईकोर्ट सख्त..मनमानी पर लगा ब्रेक..आदेश जारी..
देहरादून। अमित रतूड़ी। वरिष्ठ उप संपादक
High Court Decision: प्रदेश के निजी स्कूल शिक्षा सत्र 2020-2021 में कैसी भी स्थिति में कोई भी फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। सोमवार को शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने निजी स्कूल फीस को लेकर हाईकोर्ट से निस्तारित याचिकाओं के बाद यह आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि यह आदेश सभी डे और बोर्डिंग स्कूलों में समान रूप से लागू होगा।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शासन ने शिक्षण संस्थाओं द्वारा ली जा रही फीस को लेकर संशोधित आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत मात्र ऑनलाइन व संचार माध्यमों से शिक्षण कराने वाले निजी विद्यालयों को लॉकडाउन अवधि में सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति होगी।
इसके अलावा किसी भी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा।यदि किसी विद्यालय द्वारा अतिरिक्त विषयों का अध्यापन ऑनलाइन करवाया जा रहा है तो विद्यालय द्वारा अतिरिक्त विषय पढ़ाने के लिए पूर्व से निर्धारित शुल्क शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त लिया जा सकेगा।
ऐसे प्रकरणों में विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा कोविड-19 वह उसके फल स्वरुप लंबी अवधि तक लागू लॉकडाउन के कारण उत्पन्न स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए सकारात्मक रूप से शुल्क के लिए वांछित अतिरिक्त समय अवधि प्रदान करनी होगी।
दरअसल इसके बावजूद कोई अभिभावक स्कूल फीस देने में असमर्थ है तो संबंधित अभिभावक स्कूल प्रिंसिपल या स्कूल प्रबंधन समिति से ट्यूशन फीस जमा करने के लिए अतिरिक्त समय ले सकते हैं। ऐसे अभिभावकों को स्कूल की ओर से अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि कैसी भी परिस्थिति में संबंधित स्कूल के छात्र को स्कूल से बाहर नहीं किया जाएगा। जो स्कूल ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं वह ट्यूशन फीस ले सकेंगे।
आदेश में कहा है कि प्राइवेट स्कूलों के कर्मचारियों को भी नियमित रूप से स्कूल प्रबंधन की ओर से वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा शासन ने बड़ा आदेश देते हुए साफ कहा कि निजी विद्यालयों द्वारा किसी भी परिस्थिति में इस साल शुल्क में वृद्धि नहीं की जाएगी।
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