उत्तराखंड
खुशखबरीः अगर पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं? आपके लिए बड़ी खबर है, मिलने वाली है बड़ी राहत…
देहरादूनः गांव से लेकर शहरों तक। कहीं भी पेट्रोल और डीजल की बिक्री खूब होती है। ऐसे में यह हमेशा से मोटी कमाई वाला काम रहा है। बिजनेस के लिए पेट्रोल पंप एक बढ़िया विकल्प है। अगर आप पेट्रोल पंप खोलना चाहते है तो ये खबर आपके लिए है। पेट्रोल पंप के लिए तेल कंपनियां लाइसेंस जारी करती हैं। ऐसे में सरकार पेट्रोल पंप खोलोने की राह को आसान करने वाली है। जिसके लिए पेट्रोल पंप की नीति में बड़ा संशोधन करने की तैयारी चल रही है। वहीं उत्तराखंड में दोहरा फायदा होने वाला है क्योंकि उद्योगों को अब प्राधिकरण से नक्शा पास कराने में सड़क के मानक में राहत दी जाएगी। जिससे पेट्रोल पंप खोलना और भी आसान हो जाएगा।
आपको बता दें कि पेट्रोल पंप लगाने के नियम काफी सख्त हैं, जिस वजह से प्रदेश के दूरस्थ इलाकों तक पेट्रोल पंप नहीं खुल पा रहे हैं। अ इसके नियमों में संशोधन होने जा रहे हैं। दूसरी ओर, उद्योगों को भी सड़क के मानक में राहत मिलने वाली है। जल्द ही इसके प्रस्ताव कैबिनेट में लाए जाएंगे। तेल कंपनियों को लाइसेंस जारी करने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी होती है। ऐसे में अच्छी खबर ये है कि केंद्र सरकार ने रिलायंस और बीपी के संयुक्त उद्यम, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड समेत 7 नई कंपनियों को ऑटो फ्यूल रिटेलिंग लाइसेंस प्रदान किए हैं। यानी आने वाले समय में पेट्रोल पंप के लिए ये कंपनियां ढेर सारे लाइसेंस जारी करेंगी और लोगों को पेट्रोल पंप का आवंटन होगा। पेट्रोल पंप खोलने के लिए अभी दो नियम हैं। एक तो उस जमीन की सड़क से दूरी 300 मीटर होनी चाहिए और दूसरा जिस जमीन पर पेट्रोल पंप लगाया जा रहा है, उसके सर्किल रेट के हिसाब से कुल मूल्य का 75 प्रतिशत कंवर्जेशन शुल्क देना होता है। इन नियमों की वजह से आज भी प्रदेश में कई दूरस्थ इलाकों तक पेट्रोल पंप नहीं खुल पाए हैं। शहरी विकास विभाग इन नियमों में संशोधन करने जा रहा है। इसके तहत जहां सड़क से 300 मीटर दूरी के नियम में शिथिलता दी जाएगी तो दूसरी ओर कंवर्जेशन शुल्क के मामले में भी राहत प्रदान की जाएगी।
दूसरी ओर, प्रदेश में कई इंडस्ट्रियल एरिया ऐसे हैं, जहां मानकों के हिसाब से सड़क की चौड़ाई काफी कम है। इन क्षेत्रों में नए उद्योग स्थापित करने में काफी परेशानी आ रही है। प्राधिकरण, सड़क के मानक पूरे न होने की वजह से इन परिक्षेत्रों में नक्शे पास नहीं कर रहे हैं। इस वजह से औद्योगिकीकरण का उत्साह कम होते देख सरकार इसमें भी ढिलाई देने की तैयारी में है। इसके तहत सड़क के मानकों में राहत प्रदान की जाएगी, ताकि उद्योगों की राह आसान हो सके।
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