उत्तराखंड
IMA POP: देश को मिले 343 जांबाज जवान, उत्तराखंड के 42 कैडेट्स बने सेना में अफसर…
IMA POP: देहरादून के लिए आज दिन गौरव से भरा रहा। एक बार फिर इंडियन मिलिट्री एकेडमी ने देश को जाबांज अफसर दिए है। आईएमए में आज हिम्मत तेरी बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे। जो सामने तेरे खड़े, तू खाक में मिलाए जा। कदम-कदम बढ़ाए जा…। आत्मविश्वास व जोश से लबरेज जेंटलमैन कैडेट ने देशभक्ति से भरपूर इस गीत पर कदम से कदम मिलाते हुए पासिंग आउट परेड के साथ ही सेना की मुख्यधारा में जुड़ गए।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड वीरों की भूमि है। हर साल आईएमएम में होने वाले पीओपी में भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड के युवा अफसर निकलते हैं। इस साल भी प्रदेश ने देश को जाबांज दिए है। बताया जा रहा है कि पासिंग आउट परेड, एकेडमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह 8 बजे शुरू हुई थी। इससे पहले परिसर में और बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई. परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई। इसके बाद देश-विदेश के के 343 युवा अफसर भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से देश सेवा के कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अपनी ड्यूटी ज्वॉइन करने जा रहे हैं। इसके अलावा मित्र देशों के 29 कैडेट्स भी पास आउट हुए। पासिंग आउट परेड की सलामी श्रीलंका के सीडीएस जनरल डॉ. शिवेंद्र सिल्वा ने ली।
बताया जा रहा है कि आबादी में अन्य प्रदेशों से काफी छोड़ा होने के बाद भी अफसर देने में उत्तराखंड अव्वल है। इस बार उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश के 68 कैडेट्स तो 42 कैडेट्स के साथ देहरादून दूसरे स्थान पर है। राजस्थान के 34, महाराष्ट्र के 28, बिहार के 27, हरियाणा के 22, पंजाब 20, हिमाचल प्रदेश 14, कर्नाटक 11, जम्मू कश्मीर 10, केरल 09, पश्चिम बंगाल 09, दिल्ली 08, तमिलनाडु 08, मध्य प्रदेश 07, झारखंड 05, उडीसा 05, आंध्रप्रदेश 04, छत्तीसगढ़ 03, चंडीगढ़ 03, गुजरात 02, तेलंगाना 01, अरुणाचल प्रदेश 01, असम 01, मणिपुर 01, मेघालय 01 और नेपाल मूल (भारतीय सेना) के 04 युवा कैडेट्स भारतीय सेना में अफसर बनेंगे।
वहीं इस दौरान IMA परिसर में सेना और बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था गई ।युद्ध स्मारक पर 343 युवा कैटेड्स ने आज भारतीय सेना के अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने से पहले भारतीय सेना की समृद्ध कायम रखने और राष्ट्र का झंडा हमेशा ऊंचा रखने का संकल्प लिया। बताया जा रहा है कि कैडेट्स, अभियांत्रिक प्रशिक्षण के लिए देश के विभिन्न सैन्य अभियांत्रिक संस्थान, मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेजों और 3 वर्षो के बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कमीशन पाते है।
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