उत्तराखंड
खनन माफियाओं की गोद में जा बैठी सरकार: नेगी
खनन पट्टों की गहराई 3 मीटर करने का है मामला
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि
अभी हाल ही में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा खनन नीति में बदलाव कर खनन माफियाओं के लिए रातों-रात विधेयक लाकर खनन पट्टों की गहराई बढ़ाने का काम किया है,
जो कि सरकारी राजस्व बढ़ाने की आड़ में व्यक्तिगत राजस्व (काली कमाई) बढ़ाने के लिए किया गया है।
इसके साथ-साथ अवैध भंडारण मामले में जिलाधिकारियों से अधिकार छीनकर अपर जिलाध्किारियों को दिए गए हैं, क्योंकि जिलाधिकारी अक्सर दबाव में नहीं आते थे,
इसलिए यह खेल खेला गया है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि खनन माफियाओं के हक में नित नए-नए फैसले लिए जा रहे हैं।
उत्तराखण्ड उप खनिज (बालू-बजरी-बोल्डर) चुगान नीति 2016 की धरा 3(च) में खनिज की 1.5 मी.तक चुगान/निकासी की सीमा थी,
लेकिन त्रिवेंद्र सरकार द्वारा उसको बढ़ाकर दोगुना यानी 3 मीटर कर दिया गया।
नेगी ने कहा कि प्रदेश की जनता की जान-माल की फिक्र किए बिना इस विधेयक को लाकर सरकार ने किसानों एवं नदी किनारे बसे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का काम किया है।
पट्टे यानी नदियों से 3 मीटर (10 फीट) गहराई तक खनिज निकलने से नदी का वेग बढ़ेेगा तथा नदी किनारे जमीनों का कटाव होगा, जिससे भविष्य में किसी अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
नेगी ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि सीएम ने अपना राजस्व बढ़ाने के लिए यह खेल खेला है,
जबकि न तो पट्टे धारकों और न ही जनता ने इस मामले में कोई आग्रह/आंदोलन किया है।
प्रदेश के कर्मचारी महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं तथा प्रदेश का बेरोजगार, किसान, व्यापारी परेशान है, लेकिन इसके लिए आज तक कोई विधेयक नहीं आया।
मोर्चा राजभवन से मामले में हस्तक्षेप की मांग करता है।
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