उत्तराखंड
राजनीति: जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं किशोर, जानिए विस्तार में…
उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर फेर बदल देखने को मिल रहा है। माना जा रहा है कि जिस तरीके से किशोर उपाध्याय के ऊपर कार्यवाही की गई है ऐसे में ज्यादा से ज्यादा 2 से 3 दिनों में किशोर उपाध्याय बीजेपी का दामन थाम सकते हैं विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि बीजेपी आलाकमान से किशोर उपाध्याय की लगभग बात हो चुकी है और जल्द ही वह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं वही इसी बात की जानकारी कांग्रेस के तमाम नेताओं को लग गई जिसके बाद किशोर के ऊपर कार्यवाही की गई।
दरअसल, कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सभी दायित्वों से हटा दिया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। जारी आदेश में देवेंद्र यादव ने जिक्र किया है कि उत्तराखंड के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं। कुशासन और बाजेपी नेतृत्व से लोगों में व्यापक गुस्सा है।
पत्र में कहा गया है कि चुनौती का सामना करना और उत्तराखंड की देवभूमि और यहां के लोगों की सेवा करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है। लेकिन दुख की बात है कि किशोर उपाध्याय इस लड़ाई को कमजोर करने और लोगों के हितों को कमजोर करने के लिए बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलनसार हैं।
पत्र में जिक्र किया गया है कि किशोर उपाध्याय को व्यक्तिगत रूप से कई चेतावनियों के बावजूद, इसमें शामिल होने का उनका आचरण पार्टी विरोधी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिसके चलते किशोर उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटाया जाता है और आगे की कार्रवाई लंबित है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कही ये बात
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उपाध्याय को पार्टी के प्रति अपना समर्पण रखना चाहिए था। साथ ही कहा कि पार्टी ने अगर इतना बड़ा कदम उठाया है तो कोई बड़ा एविडेंस मिला होगा, जिसके बाद ही उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है। साथ ही कहा कि कुछ दिनों पहले उनका बाजेपी के नेताओं से मिलने का वीडियो सामने आया था, जिससे वो भी आहत हुए थे।
पिछले कई हफ्तों से किशोर के भाजपा जाने की चर्चाओं का बाजार बहुत गर्म था। इसी के बीच उपाध्याय ने साफ किया था कि वह किसी भी सूरत में कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन नहीं करेंगे। कहा था कि कांग्रेस में रह कर ही वह टिहरी से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने की बातों को उन्होंने अफवाह करार दिया।उपाध्याय को लेकर लंबे समय से ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी और उनके हर मूवमेंट को संदेह की नजर से देखा जा रहा था। कभी पीएम नरेंद्र मोदी की देहरादून में हुई रैली में उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाह उड़ी। कभी उनके दूसरे दलों में जाने की चर्चा रही। अटकलों के दौर के बीच किशोर ने कहा था कि वनाधिकार के मुद्दे पर वे सभी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं।
44 साल से कांग्रेस से जुड़े हैं किशोर
किशोर उपाध्याय वर्ष 1978 से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। पार्टी के साथ उनका लंबा साथ रहा है। वर्ष 2002 और वर्ष 2007 में वे टिहरी से विधायक रहे। वर्ष 2012 में वे टिहरी से चुनाव हार गए थे। 2017 में वे अपनी परंपरागत सीट टिहरी को छोड़ कर चुनाव लड़ने देहरादून सहसपुर सीट पर पहुंचे। यहां से भी उन्हें हार मिली। 2014 में उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वे 1991 से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे।
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