उत्तराखंड
गजब: माननीयों पर कानून नरम, आमजनों के पीछे पड़ी मित्र पुलिस
देहरादून। सत्ता के दिग्गज औऱ कदावर नेताओं पर कानून की नरमी से विपक्ष गरम होता नजर आ रहा है।
आखिर हो भी क्यों न लॉक डाउन ,कोरोना महामारी में बने नियमों का उलंघन करने वाले आम जनमानस से तो सरकार और पुलिस खूब राजस्व बटोर रही है।
लेकिन सत्ता पक्ष के कई दिग्गज नेताओं द्वारा नियमों की धज्जियां जो उड़ रही हैं उस पर खाकी ने मानो आंखें मूंद ली हों।
इसे सत्ता का भौकाल कहें या बात को जानबूझकर नजर अंदाज करने का तरीका। खैर सत्ताधारियों की इस कार्यप्रणाली से विपक्ष खासा नाराज चल रहा है।
विपक्ष की सुनिए
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला का कहना है कि केंद्र सरकार कोविड वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अलग क़ानून बनाकर उसका सख्ती से पालन कराने पर प्रशासन को निर्देशित कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के सत्ता पक्षीय माननीय नेता केन्द्र सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुऐ क़ानून के नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं।
एक ओर बाज़ार में व्यापारी अपनी दुकान में अकेला भी बैठा हुआ है और उसका मास्क अगर नाक के नीचे हो तो उसका तुरन्त चालान कर दिया जा रहा है और तो और जब जनप्रतिनिधि कुछ लोगों को लेकर जनसमस्याओं पर अपनी बात रखता है तो उसको मुक़दमा दर्ज करने की धमकी दी जाती है ।
लेकिन सत्ताधारियों के लिए यह नियम नहीं हैं प्रदेश सरकार के सर्वोच्च पद पर आसीन माननीय लगातार लॉक डाउन व सामाजिक दूरी के संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करते आ रहे हैं,
जहां सरकार द्वारा जिम बंद है पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पचास प्रतिशत सवारी ले जाने का नियम है मन्दिरों में भी जल चढ़ाना,टीका,आचमन व प्रसाद चढ़ाने पर रोक है वंही दूसरी ओर माननीय भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ शारीरिक दूरी व मास्क को दरकिनार कर चुनावी आम खाने में मस्त हैं जो कि ग़ैर क़ानूनी है और क़ानून का पालन करवाने वाले मूक दर्शक बन कर खड़े देख रहे हैं यह बड़ा शर्मनाक है ।
रमोला ने कहा कि इस बाबत डीएम से बात की जाएगी एवम पूरे प्रकरण में क़ानूनी कार्यवाही कर आम जन तक यह संदेश पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा कि क़ानून सबके लिये एक है।
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