नैनीताल
पहल: डोली से अस्पताल आएगी गर्भवती महिला, तो 2000 रुपये का मिलेगा भत्ता
नैनीताल: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जिले में संचालित समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों को गति देने की आवश्यकता है ताकि आम गरीब आदमी को एनएचएम के माध्यम से संचाालित स्वास्थ्य योजनाओ का लाभ मिल सके।
उन्होने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में शासन से जो भी दिशा निर्देश प्राप्त हो रहे है उनका अनुपालन करते हुये भविष्य में प्राप्त होने वाली वैक्सीन के भण्डारण/कोल्ड चैन की व्यवस्था अभी से बना ली जाए। बंसल ने जननी सुरक्षा योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर भी आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि जिले के पर्वतीय दुर्गम इलाके रामगढ, धारी, ओखलकांडा, बेतालघाट में महिलाओं के प्रसव राजकीय चिकित्सालयों में कराये जांए। इसके लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पतालों तक लाने के लिए डोलियों की व्यवस्था बनाई जाए। डोली व्यवस्था पर दो हजार रूपये प्रति केस का भुगतान भी किया जाए।
उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सुरक्षित संस्थागत प्रसव का दायित्व एवं अनुश्रवण का कार्य सम्बन्धित क्षेत्र की आशा कार्यकत्री तथा एएनएम का होगा। डोली व्यवस्था का भुगतान आशा कार्यकत्री को किया जाए ताकि वह व्यवस्था बना सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि परिवार नियोजन तथा छोटे परिवार की अवधारणा के सम्बन्ध में व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाया जाए तथा दिसम्बर माह में जनपद के नगरीय व दुर्गम ग्रामीण इलाकों में परिवार नियोजन के नसबन्दी शिविरों का आयोजन किया जाए। इसके लिए रोस्टर जारी करते हुये जनसाधारण के मध्य प्रचारित भी किया जाए।
उन्होने कहा कि नसबन्दी शिविरोें में व्यापक संख्या मेें बैडों की व्यवस्था के साथ ही शल्य उपकरणोें की व्यवस्था भी पूर्व में ही बना ली जाए। उन्होने निर्देश दिये कि स्वास्थ्य सेवाओं में लगे कर्मचारियों को आधुनिकतम तकनीकी के विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किये जाए।
जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि जनपद में टीकाकरण कार्यक्रम को व्यापक गति देकर निर्धारित लक्ष्यों को हासिल किया जाए। उन्होने कहा कि कोविड 19 के चलते टीकाकरण कार्यक्रम में गिरावट आई है। टीकाकरण कार्यक्रम के लिए आशा व एएनएम को प्रशिक्षण देकर टीकाकरण कार्य में लगाया जाए।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भागीरथी जोशी को निर्देश दिये कि जिले के सभी सरकारी विद्यालयों तथा आंगनबाडी केन्द्रोें तथा खनन गेटों के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हे आवश्यक औषधियां तथा कृमि निवारण की गोलिया भी दी जाएं। उन्होने कहा कि सूद पोर्टल के माध्यम से जनपद में कुपोषित बच्चो के चिन्हिकरण कार्यक्रम मे तेजी लाई जाए तथा चिन्हित गरीब बीमार बच्चों को उच्च ईलाज के लिए एम्स ऋषिकेश तथा जौलीग्रान्ट अस्पतालों को स्वास्थ्य कर्मी की देखरेख में भेजा जाए।
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