उत्तराखंड
सड़क हादसों को न्योता देती स्कूली छात्रों की लापरवाही
UT-
हादसों को न्योता देती स्कूली बच्चों की लापरवाही
सागर सुनार की एक खास रिपोर्ट के अनुसार यह पाया गया कि भिलंगना ब्लॉक के अधिकांश स्कूली बच्चों को यातायात के नियमों व सड़क के नियमों का पर्याप्त ज्ञान न होना हादसों को न्योता दे रहा है
स्कूल के बच्चे व डिग्री कॉलेज के छात्र-छात्राएं मेन रोड घनसाली टू चमियाला वाली व्यस्त सड़क पर बेफकरी से चलते नजर आते है, छात्र छात्राओं का समूह आधा से ज्यादा सड़क को घेर कर चलता है जिससे गाडी चालक को बहुत समस्याओं का सामना करना पडता है, ऐसे में किसी गाडी से यदि कोई स्कूली बच्चा चोटिल होता है तो पूरा का पूरा दोष गाडी चालक पे आता है जबकि मेरी खास जॉच पडताल में पाया गया कि स्कूली छात्र छात्राओं को यातायात के नियमों की कोई जानकारी नही कि सड़क मार्ग में किस तरह पैदल चला जाता है और यह पूरी कमी हमारे शिक्षा विभाग की है
स्कूली पाठ्यक्रम में आपदा प्रबन्ध विषय के अन्तर्गत विद्यार्थियों को सामान्य जानकारी क्यों नही दी जाती कि यातायात के नियमों का पालन करना भी एक कुशल राष्ट्र नागरिक की पहचान है
लेकिन गढवाल के विद्यालयों में न तो शिक्षा का स्तर बढता है न ही राष्ट्र के प्रति छात्र-छात्राओं के सामान्य ज्ञान का, आखिर शिक्षा विभाग के ब्लॉक स्तर व जिला स्तर के अधिकारी स्कूली क्रियाकलापों पर चिंतित है भी या नही?
कहा जाता है कि भविष्य के राष्ट्र निर्माता कक्षाओंं मे पढ रहे है तो इन भावी निर्माताओ को राष्ट्र के प्रति सकारात्मकता क्यों नही दी जाती?
क्या केवल मात्र विषय पढने से ही सम्पूर्ण सामाजिकता का ज्ञान प्राप्त होना ही उतराखण्ड के शिक्षा पाठ्यक्रम की रूप रेखा है?
बाल केन्द्रित शिक्षा पद्धति से उतराखण्ड कोषो दूर है जहॉ आने वाले भविष्य के भविष्य पर चिंतन गहरा रहा है
स्कूली छात्र-छात्राओं में यातायात नियमों के प्रति लापरवाही की चिंता के साथ सागर सुनार की एक खास रिपोर्ट
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