उत्तराखंड
गजब: लापरवाह स्वास्थ्य विभाग की कोरोना को लेकर हो गई चूक, क्या ? होगी कोई करवाई, जानिए क्या है मामला
देहरादून। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बन गया है। वो भी तब जब सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस महकमें की मॉनिटरिंग करते हों। क्या स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी सूबे के मुख्यमंत्री की परवाह नहीं करते?
क्या ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर मुख्यमंत्री नकेल कसेंगे? ये सब सवाल अभी इस पूरे वाकये को जानकर आप सभी के जेहन में भी उठेंगे।
दरअसल, कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया है। जिसमे भारत भी अब्बल दर्जे पर है। लेकिन उत्तराखण्ड के हालात को देखकर सभी इस प्रदेश को मॉडल स्टेट बनाने की सोच रहे थे। लेकिन महामारी की चपेट में प्रदेश भी गंभीर हालातों से गुजर रहा है।
इसके अलावा कोरोना को लेकर सरकारों ,न्यायालयों ने यह फरमान निकाला कि कोरोना को लेकर कोई भी अफवाह सीधे कानूनी प्रक्रिया के तहत आएगी जिस पर करवाई भी चल रही है।
लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य महकमें ने इतनी बड़ी भूल कर दी है कि कोई भी प्रदेश का व्यक्ति इस भूल का शिकार होकर असमंजस की स्थिति में आ सकता है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री की मॉनिटरिंग पर चलने वाले स्वास्थ्य महकमे ने 7 अगस्त के शाम 7 बजे के हेल्थ बुलेटिन में इतनी बड़ी गलती कर डाली की सभी लोग असमंजस की स्थिति में हैं।
दरअसल 6 अगस्त को प्रदेश के कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 8552 था, 7 अगस्त को 278 कोरोना मरीज मिले,, तो प्रदेश का कुल कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 8830 होना चाहिए था,,लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने 7 अगस्त को देर शाम जारी अपने हेल्थ बुलेटिन में प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 8901 दिखाया है।
जिसको लेकर विभाग की लापरवाही सामने देखने को मिल रही है। ये हाल तो तब हैं जब सूबे के मुखिया के पास प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा है। कोरोना को लेकर झूठी अफवाह फैला रहे लोगों पर कानूनी करवाई की जा रही है। लेकिन स्वास्थ्य महकमे की यह चूक जनता को धोखे में रखने के बराबर ही है।
लिहाजा इस मामले को लेकर सीएम साहब को करवाई करनी होगी। ताकि स्वास्थ्य महकमे में ऐसे लापरवाह अधिकारी औऱ कर्मचारियों द्वारा इस तरह की गुमराह करने वाली गलती दुबारा न हो सके।
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