पिछले कुछ महीनों में अधिकारियों और कर्मचारियों की सोशल मीडिया पर सरकार को असहज करने वाली विवादित पोस्ट भी चर्चाओं में रही हैं। इसे देखते हुए अब शासनस्तर पर सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सोशल मीडिया पॉलिसी ड्राफ्ट तलब करने की पुष्टि की है। सरकारी कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी और स्मार्टफोन के इस्तेमाल के बाद से अधिकारियों और कर्मचारियों की सोशल मीडिया पर सक्रियता पिछले कुछ वर्षों से बढ़ गई है। उनकी यह सक्रियता सरकारी कामकाज व योजनाओं के प्रमोशन और नितांत सामाजिक गतिविधियों तक तो सरकार को स्वीकार्य है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर सरकार को असहज करने वाली विवादित पोस्ट भी चर्चाओं में रही हैं।
शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षकों को विवादित पोस्ट के लिए कारण बताओ नोटिस तक जारी हो चुके हैं। इतना ही नहीं अल्मोड़ा स्याल्दे विकास खंड में एक राजकीय इंटर कॉलेज के सहायक अध्यापक को विवादित पोस्ट के कारण निलंबित तक कर दिया गया था। अन्य महकमों में भी इस तरह के उदाहरण सामने आ चुके हैं। इन्हीं को ध्यान में रखकर अब शासनस्तर पर सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया गया है।