उत्तराखंड
पहल: अब जमीन पर पत्नियों का भी होगा मालिकाना हक, राज्य सरकार बना रही योजना
देहरादून। राज्य की महिलाओं के लिए खुशी की बात है, अगर उत्तराखंड सरकार की यह योजना कामयाब हुई तो प्रदेश में जल्द ही पंरपरागत रूप से चली आ रही जमीन का मालिकाना हक पत्नियों का भी होगा।
इसके लिए प्रदेश सरकार जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम (जेडएलआर) में संशोधन की तैयारी कर रही है। आगामी दिनों में जुलाई माह में इस मामले में बैठक भी संभव है।
अमर उजाला समाचार पत्र के अनुसार सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी में एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के अधिकार की इस योजना को जल्द लागू करने का एलान किया। दरअसल, प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से खासा पलायन हुआ है।
इसकी सबसे अधिक मार महिलाओं पर ही पड़ी है। प्रदेश मेें वंशानुगत रूप से जमीन का अधिकार पुरुष के पास रहता है और उसके बाद बेटे के पास जाता है। इस तरह की जमीन को गोल खाता कहा जाता है।
इसमें एक संशोधन कुछ समय पहले हुआ, जिसके तहत विधवा को अधिकार दिया गया। अब पुत्री को भी जमीन का यह अधिकार देने पर विचार किया जा रहा है।
इसी को आगे बढ़ाते हुए अब प्रदेश सरकार पत्नियों को भी गोल खातों का अधिकार देने की कोशिश में है। सचिव राजस्व सुशील कुमार के मुताबिक पत्नियों को यह अधिकार देने के लिए जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम में संशोधन करना होगा, इसी पर विचार किया जा रहा है।
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