उत्तराखंड
अब पुरानी लिपुलेख दर्रे से ही कर सकेंगे आदि कैलाश के दर्शन, नहीं जाना पड़ेगा चीन
भारत-चीन सीमा के अंतिम छोर पर स्थित पुरानी लिपुलेख से अब आदि कैलाश के दर्शन कर पाएंगे। अभी तक यात्रियों को आदि कैलाश यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय से वीजा बनाकर नेपाल के रास्ते चीन पहुंचकर यात्रा करनी पड़ती थी। वहीं अब पुरानी लिपुलेख दर्रे से ही आदि कैलाश के दर्शन कर सकेंगे। धारचूला से पर्यटन विभाग की टीम लिपुलेख की चोटी पर पहुंची तो अधिकारियों को आदि कैलाश पर्वत के मनमोहक दर्शन हुए। बताया जा रहा है कि जल्द ही पर्यटन विभाग इस मामले में रिपोर्ट भेजेगी।
जिला पर्यटन विभाग की टीम नाभीढांग से नौ किमी की वाहन से यात्रा करने के बाद 1.8 किमी की कठिन खड़ी चढ़ाई पार कर पुरानी लिपुलेख की चोटी पर पहुंची। चोटी पर पहुंचने के बाद कैलाश पर्वत के मनमोहक दर्शन हुए। उन्होंने चोटी पर बहुत तेज हवाएं चलने की बात भी बताई। उन्होंने बताया कि पैदल मार्ग ठीक करने बाद यात्रियों को यात्रा करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
धारचूला एसडीएम दिवेश शाशनी ने बताया कि सचिव पर्यटन के निर्देश पर संयुक्त टीम ने लिपुलेख, ओम पर्वत और आदि कैलाश तक का निरीक्षण किया। शीघ्र ही संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर पर्यटन विभाग को भेजी जाएगी, जिससे धारचूला के पुरानी लिपुलेख की चोटी से ही आदि कैलाश पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे। इससे धारचूला में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
जिला प्रशासन की क्यूआरटी बारिश के दौरान रही सक्रिय, प्रिंस चौक पर जल भराव के कारक को तत्काल किया दूर
सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करें बैंकर्स – जिलाधिकारी
शहर में नो पार्किंग से गाड़ी जब्ती हेतु क्रेेन किए जाएं डबलःडीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बद्री-केदार मंदिर समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन पत्रों की जांच बुधवार को पूरी
