पौड़ी गढ़वाल
फ़रमान: जब पिंजरे में फंसे जानवर की सुरक्षा विभाग के हाथ, तो क्या नपेंगे पौड़ी वन विभाग के अधिकारी?
पौड़ी: उत्तराखंड सरकार ने वन विभाग को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अगर किसी पिंजरे में फंसे वन्यजीव को यदि किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचा, तो इसके लिए वन विभाग के अधिकारी जवाबदेह होंगे। बीते दिनों पौड़ी जिले में पिंजरे में फंसे गुलदार को ग्रामीण की ओर से उसे जिंदा जला दिए जाने की घटना के बाद वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर हरकत में आ गया है।
ऐसे में उक्त वन प्रभाग के अधिकारियों पर इसकी गाज गिरेगी या फिर मामले में टालमटोल होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा,बाहरहाल इस आदेश की शुरुवात तो नागदेव रेंज प्रकरण से ही होनी चाहिए,ताकि आगे वन विभाग इस तरह की घोर लापरवाही न कर सके। उधर, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने वन विभाग को इस संबंध में दिशा निर्देश देते हुए कहा कि पिंजरे में फंसे वन्यजीवों की सुरक्षा का जिम्मा संबंधित प्रभाग के वनाधिकारियों का होगा। पिंजरों की 24 घंटे निगरानी के लिए कर्मचारी को तैनात कर दिया जाऐगा।
इस संबंध में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डाॅ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि जिस किसी वन प्रभाग में पिंजरा लगाया जाएगा, इसमें फंसने वाले वन्यजीवों की सुरक्षा का जिम्मा भी संबंधित प्रभाग के अधिकारियों का ही होगा।पिंजरा लगाने के साथ ही 24 घंटे कर्मचारी और आसपास सीसीटीवी और कैमरा ट्रैप भी लगाए जाएंगे, ताकि पिंजरे में फंसतें ही वन्यजीव को तुरन्त रेस्क्यू कर वहां से निकाला जा सके।

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