पौड़ी गढ़वाल
खुलासाः जल जीवन मिशन योजना में बड़ी धांधली का भंड़ाफोड़, ऐसे चल रहा 17 प्रतिशत कमिशनखोरी का खेल…
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना में जमकर धांधली का खेल चल रहा है। उत्तराखंड के कोटद्वार में इस धांधली का बड़ा खुलासा हुआ है। यहां ठेकेदारों से योजना के नाम पर काम करवाने के लिए बड़ा कमिशन का खेल चल रहा है। 17 प्रतिशत के कमिशन के खेल ऐसा है जिसे सुन हर कोई दंग है। मामले में जहां त्रस्त ठेकेदार धरना प्रदर्शन कर रहे है। वहीं शासन ने जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही और कमीशन लेने की शिकायतों पर जांच बैठा दी गई है।
बता दें कि कोटद्वार में विभाग के ही एक ठेकेदार ने डिवीजन के कई इंजीनियरों पर कमीशन लेने का आरोप लगाया है। सबूत के तौर पर इस का वीडियो भी पेश किया गया है। ठेकेदार ने कहा है कि जल जीवन मिशन के फेस वन के कार्य करते समय उन्होंने विभागीय इंजीनियरों को कमीशन दिया था। दूसरे फेस में कमीशन बढ़ा दिया गया। उनके पास कमिशन भरने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें ही टेंडर नहीं मिल पाया।
आरोप है कि बॉन्ड साइन करने के लिए पांच प्रतिशत तक का कमिशन मांगा जा रहा है। इतना ही नहीं इसके बाद काम पूरा होने पर 12 प्रतिशत तक का कमिशन मांगा जा रहा है। जो मिलकर 17 प्रतिशत कमिशन का खेल है। ठेकेदार को धमकाया जा रहा है। ठेकेदार का कहना है योजना में सरकार से कोई लाभ नहीं मिलता है। सब कुछ अपने पास से लगाना होता है। ऐसे में गरीब युवा जो कैसे-कैसे करके अपना काम शुरू करते है वो कमिशन कैसे दें। इतना ही नहीं उन्होंने सर्वे को लेकर भी सवाल खडे़ किए है।
मामले में विभाग के प्रबंध निदेशक उदयराज ने मामले की जांच मुख्य अभियंता गढ़वाल सीएस रजवार को सौंप दी है। वहीं धरने पर बैठे ठेकेदारों ने कहा है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्य करा रहे ठेकेदारों का उच्च अधिकारी शोषण कर रहे हैं । वर्तमान में निर्माण शाखा में कार्यरत अफसर ठेकेदारों से कार्य के अनुरूप कमीशन की मांग कर रहे हैं । कहा कि इसकी शिकायत वे पूर्व में अधिशासी अभियंता पौड़ी , जिलाधिकारी पौड़ी और सी एम पोर्टल पर दर्ज करा चुके हैं। वे उक्त अधिकारी के तबादले की मांग भी लंबे समय से करते आ रहे हैं , लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है ।
ठेकेदारों ने मांग की कि उक्त अधिकारी के जांच के दायरे में होने के कारण उनका तबादला किया जाना चाहिए और बाहरी प्रदेशों के ठेकेदार , जो निर्माण शाखा में कार्य कर रहे हैं , उनके अनुभव की जांच भी की जानी चाहिए । धरने को यूकेडी के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डा . शक्तिशैल कपरवाण ने भी अपना समर्थन दिया।
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