उत्तराखंड
एक्सक्लूसिव: प्रदेश सरकार में खुद बिजली के नियमों की चोरी करते विधुत विभाग कर्मी
UT- घनसाली विधानसभा के बालगंगा तहसील के अति सीमान्त क्षेत्र बूढाकेदार में बिजली विभाग की कामचोरी से लोग खासे परेशान है तथा सूचना देने पर बिजली का ठेकेदारीकरण का हवाला देकर समस्या को अनसुना किया जा रहा है
मीटर रिडिंग एक्ट के तहत नियमों का हो रहा है उल्लंघन
बूढाकेदार क्षेत्र में लगभग 4 गॉवों की बिजली विभाग से शिकायत है कि पिछले 5 महीनों से मीटर रीडिंग कर्मी ने मीटर की रीडिंग नही ली जिस वजह से अधिकांश कनेक्शन धारकों के बिल 5 माह से नही भरे गए है, और जिनके बिल प्राप्त हुए है वो बिल बिना मीटर रीडिंग के काटे गए है जिस कारण जनता को हद से ज्यादा बिजली बिल भुगतान करना पड रहा है
शिकायत करने पर भी विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही है
आम जनता का कहना है कि कई बार सूचना देने पर बिजली विभाग का मीटर रीडिंग कर्मी कहता है कि- “बिजली ठेकेदारी मे चल गयी है तुम क्या कर लोगे तुम्हारी शिकायत से कौनसा मेरी नौकरी खतरे में आयेगी”
बिजली विभाग के इस प्रकार के रवैये से अब आम जनता शिकायत करें तो करें किस से ?
वहीं आम जनता जो गॉव में रह रही है वो इतने जानकार नही कि विभागीय अधिकारी को लिखित रूप में सूचना दे सकें जिस वजह से बिजली के बिल को कर्मियों की मनमानी से काटा व बांटा जा रहा है और लोगों को बिजली बिल मजबूरन भरना पड है
मीटर रीडिंग दर से ज्यादा भुगतान करने को मजबूर ग्रामीण
एक माह की रीडिंग छूट जाने पर अगले माह की रीडिंग दर दो गुना बढ जाती है और बूढाकेदार क्षेत्र मे पिछले 5 महीनों से रीडिंग नही ली गयी जिसके कारण अतिरिक्त दर के हिसाब से लोगों को दो से तिगुने बिल का भुगतान करना पड रहा है, इस प्रकार सरकार व ठेकेदारीकरण जनता का खून चूस रही है जिसको सुनने वाला कोई नही
बिना रीडिंग के बिल काटे जा रहे है
कुछ कनेक्शन धारकों का कहना है कि उनके बिल बिना मीटर रीडिंग के काटे गए है जो कि मुख्य बाजार के होटलों मे बैठकर रीडिंग कर्मी नाम की लिस्ट तैयार करके बिल दे रहे है, और तो और लोगों को अपने बिल गॉव के प्रत्येक होटलों में पूछ-पूछ कर इकटठा करने पड रहे है, विभाग के कर्मियों द्वारा सरकारी नियमों को ताक मे रख कर उल्लंघन किया जा रहा है
बूढाकेदार क्षेत्र मे पहले हुई ऐसी समस्या के कारण लोगों को भरने पडे थे 7000- 8000 रू
कुछ साल पहले पुराने मीटर रीडिंग कर्मी की ऐसी ही लापरवाही के चलते लोगों को पहले भी सात आठ हजार के बिल भुगतान करने पडे थे
पुराने कर्मी द्वारा बिना रीडिंग लिए अंदाजे से बिजली बिल बांटे जाते थे जो कि पेंडिग रहता गया और जब नये मीटर रीडिंग कर्मी बिष्ट के आने के बाद नियमित रूप से मीटरों की रीडिंग हुई तो गॉव मे अधिकांश कनेक्शन धारकों को 5000 से 10000 तक के बिल का भुगतान करना पडा था
यदि इस प्रकार वर्तमान मीटर रीडिंग कर्मी भी लापरवाही करते रहे तो भविष्य मे अन्य कर्मी के नियमित रूप से बिल देने पर लोगों को अतिरिक्त भुगतान करना पड सकता है जिसकी जिम्मेदारी कौन लेगा बिजली विभाग या मीटर रीडिंग कर्मचारी?
गौरतलब है कि सरकार द्वारा विज्ञापनों में देखने को मिलता है कि बिजली बचायें देश की तरक्की मे योगदान दे, वहीं बिजली विभाग खुद नियमों का उल्लंघन कर रहा है
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
You must be logged in to post a comment Login